हाल ही में हुए एक शोध ने ये सिद्ध किया है कि बच्चों की पिटाई या फिर शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने से बच्चे न सिर्फ बिगड़ते हैं, बल्कि वे गुस्सैल, अराजक होने के साथ-साथ व्यग्र और अवसाद-ग्रस्त भी होने लगते हैं।
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हाल ही में हुए एक शोध ने ये सिद्ध किया है कि बच्चों की पिटाई या फिर शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने से बच्चे न सिर्फ बिगड़ते हैं, बल्कि वे गुस्सैल, अराजक होने के साथ-साथ व्यग्र और अवसाद-ग्रस्त भी होने लगते हैं।
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उन्हें तब तक उपचार के साथ रहने के लिए प्रोत्साहित कीजिए जब तक कि लक्षण घटने न शुरू हो जाएँ (कई हफ्ते), या यदि कोई सुधार नहीं होता है तो भिन्न उपचार खोजने, और यदि अवसाद-ग्रस्त व्यक्ति औषधि ले रहा है तो निरीक्षण करने में सहायता करें।
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हालांकि ऐसे तानाशाह भी हैं जो वास्तव में देश में सभी को संभावित हत्यारा बना देते हैं और कुछ ऐसे नेता भी होते है जो लोगों के मानस में अपनी हत्या की अवधारणा को कुंद कर देते हैं और अपने संभावित हत्यारों को चंद अवसाद-ग्रस्त कुंठित मनोरोगियों में तब्दील कर देते हैं.
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अवसाद-ग्रस्त एकांत के क्षण ; बिन आहट मन में करे गुंजन विषाद या बैराग का है आह्वान पाप या पुण्य का नहीं ज्ञान आत्मा का निर्मोही अभिज्ञान पश्चात्याप से भरा मन-मंथन या अहंकार से भरा अभिमान शुन्य की प्रतिध्वनि करता मन तब भीतर याद आये पतितपावन परमपूज्य मेरे खोलते है नयन हुई हल-चल हुवा विवेक चिंतन मेरा होना या न होना तुछ्य है प्रश्न सत्य की अजेय गूँज जीवन-मरण अमृतमय हो जो ले प्रभु आपकी शरण प्रभु का मिले आशीर्वाद, धन्य हो जीवन
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वे अन्य लक्षणों का भी अनुभव करते हैं जो कि मनोदशा और व्यग्रता की गड़बड़ियों से संबंधित होते हैं जैसे कि अवसाद-ग्रस्त, दुखी महसूस करना और निम्न ऊर्जा, चिड़चिड़ा, शीघ्र उत्तेजित, नाराज़ और विद्वेषी होना, जीवित रहने के लिए, जिंदा बने रहने के लिए, अनकही और अनहुई चीज़ों के लिए अपराधी महसूस करना, डरा हुआ और व्यग्र महसूस करना, सोने और ध्यान केन्द्रित करने में कठिनाई, अनायास रोना, निराशा और असहायपन का भाव महसूस करना जो आत्महत्या के विचारों की ओर ले जा सकता है।
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इसके बाद उन्होंने अपनी कई कवितायेँ भी सुनाई, जैसे टोकनी, छाता, जूते, पत्ती, सूटकेस, ऐसा क्यों हुआ, मित्रहीन आकाश, अपने शब्द वापिस, क्या यही बचता है, अपने हाथों से! अपनी इन सभी कवियों को उन्होंने विनोद से अवसाद-ग्रस्त कवितायेँ कहा! उनकी इन कविताओं में समाज, परिवेश, रिश्ते-नाते यहाँ तक कि टोकनी जैसे शब्द के खोने पर उनकी अपनी चिंताएं दिखाई पड़ती थी! अनुभवजनित वरिष्ठता उनकी अभिव्यकि को नए आयाम देती है!