फुर्सत पाते डॉक्टर साहब हमें देख कर असहाय भाव से मुस्काते हैं,... “ mission-hospital ” ले जाने को कहते हैं,...
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विशाल एक असहाय भाव से अपनी छाती पर उस स्थान को सहेजता रह गया, जहाँ एकबार किसी बात पर नाराज़ होकर जुबैदा ने उसको काट खाया था.
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बड़ा बाबू ने बात गौर से सुनी. होंठ बिचकाकर असहाय भाव से बोले, ‘‘ यही तो बात हो रही थी! साहब ने अभी बुलाया था.
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थोड़े असहाय भाव से आत्मालाप-सा करते बोले, ‘ किसी को चाय भी कैसे पिलाएं! घरवाली बुढ़िया चाय बनाना जानबे नहीं करती है और बड़ी बहू रिसिया कर नैहर चली गई है।
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हिरनी अरज कर रही है-“ खोलड़ि मोहिं बकसऽ हो... ” । मैं और भी विकंपित! क्या होगा खोलड़ी का? अम्मा शोकविह्वल असहाय भाव से क्रन्दन करती हिरनी का चित्र देख रही हैं ।
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क्या इनके विनाश के लिए पब्लिक विष्णु भगवन की प्रतीक्षा में हैं? साले, तुम वोट देते ही क्यूँ हो इन नामुरादों को? साब जी, आंसर तो ईजी है, जी! कोई आप्शन है ही नहीं पब्लिक के पास! खुद तो चुनाव लड़ने से रहे! सुबह की चाय के साथ अखबार पढ़कर बस असहाय भाव से गर्दन हिलाना भर जानते हैं!
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गजराज और उसकी िपर्या हिथिनयों का रक्षा-पर्यत्न जब सवर्था िवफल हो गया तो गजेन्दर् ने असहाय भाव से सम्पूणर् िवश्व के एकमातर् आशर्य भगवान की इस पर्कार से स्तुित कीः ' जो जगत के मूल कारण हंै और सबके हृदय मंे पुरुष के रूप मंे िवराजमान हंै एवं समस्त जगत के एकमातर् स्वामी हंै, िजनके कारण इस संसार मंे चेतनता का िवस्तार होता है, उन भगवान को मंै नमस्कार करता हँू, पर्ेम से उनका ध्यान करता हँू।