| 21. | ह.: (ऊपर देखकर) अहा! स्थिरता किसी को भी नहीं है।
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| 22. | चाणक्य: (आप ही आप) अहा! मलयकेतु को तो जीत लिया।
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| 23. | (सुनना नाटय करके प्रकट) अहा! यह मधुरस्वर मिलित अनुपम गान की
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| 24. | (आगे बढ़कर) अहा! आज तो मेरे घर में कोई उत्सव जान
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| 25. | ठीक है! अहा! यह हम पर गर्व होना चाहिए! क्या यह सच है?
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| 26. | पद्मावतीः (स्वगत्) अहा! उदार स्वामी के परिजन भी उदार ही होते हैं।
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| 27. | चन्द्रगुप्त को राज्य मिलने से ही क्या? (कुछ सोचकर) अहा! राक्षस की
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| 28. | ज़िंदगीअहा! ज़िंदगी अहा! ज़िंदगी में समीर लाल, जगदीश्वर चतुर्वेदी, बी एस पाबला
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| 29. | यौगन्धरायणः (स्वगत्) अहा! रुम्णवान् को भारी भार वहन करना पड़ रहा है।
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| 30. | (अपना वेष देखकर) अहा! यह वेष मुझको कैसा प्रिय बोध होता है।
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