इन्हीं महलों में प्रवेश द्वार के अन्दर डोली महल से पूर्व एक भूल-भूलैया है, जहाँ राजे-महाराजे अपनी रानियों और पट्टरानियों के साथ आँख-मिचौनी का खेल खेला करते थे।
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इन्हीं महलों में प्रवेश द्वार के अन्दर डोली महल से पूर्व एक भूल-भूलैया है, जहाँ राजे-महाराजे अपनी रानियों और पट्टरानियों के साथ आँख-मिचौनी का खेल खेला करते थे।
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बीच की बुर्जियों से आँख-मिचौनी खेलती धूप-धुएँ की उड़ान को चक-मक कर रही थी, पर चिमनी की बुर्जी का धुआँ रोशनी को घुटकने की कोशिश कर रहा था।
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इन्हीं महलों में प्रवेश द्वार के अन्दर डोली महल से पूर्व एक भूल-भूलैया है, जहाँ राजे-महाराजे अपनी रानियों और पट्टरानियों के साथ आँख-मिचौनी का खेल खेला करते थे.
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सिख-विरोधी दंगे के आरोपियों को घटना के २ ६ साल बाद भी सजा नहीं मिल पाई है और न्यायपालिका और अभियोजन पक्ष के बीच आँख-मिचौनी का खेल बदस्तूर जारी है.
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जो चन्द्रमा पूनम की रात में चाँदी की परात की तरह चमकता दिखाई देता है, वही थोड़ी देर बादलों से आँख-मिचौनी खेल कर कच्ची बर्फ के गोले सा धूमिल भी हो जाता है.
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इन्हीं महलों में प्रवेश द्वार के अन्दर डोली महल से पूर्व एक भूल-भूलैया है, जहाँ राजे-महाराजे अपनी रानियों और पट्टरानियों के साथ आँख-मिचौनी का खेल खेला करते थे.[शायद इस लिए भी इसे रूमानी जगह कहते हैं!]
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अंगार अधर पर धर मैं मुस्काया हूँ, मैं मरघट से जिन्दगी बुला लाया हूँ, हूँ आँख-मिचौनी खेल चुका किस्मत से, सौ बार मृत्यु के गाल चूम आया हूँ, है नहीं मुझे स्वीकार दया अपनी भी, तुम मत मुझ पर कोई एहसान करो।
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अंगार अधर पर धर मैं मुस्काया हूँ, मैं मरघट से जिन्दगी बुला लाया हूँ, हूँ आँख-मिचौनी खेल चुका किस्मत से, सौ बार मृत्यु के गाल चूम आया हूँ, है नहीं मुझे स्वीकार दया अपनी भी, तुम मत मुझ पर कोई एहसान करो।
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कुछ देर तो बंद रखी जा सकती हैं लेकिन ता-उम्र नही गांधारी प्रतिज्ञ होने के बावजूद भी नही छोड़ पायी थी लोभ एक दृष्टी देखने का इसलिए यदि बचना चाहते हो आँख-मिचौनी से तो फोड़ लो आँखें अपनी (कई मॉल्स में कान के साथ आँखों का पॅकेज मुफ्त मिल रहा है)