| 21. | उपनिषद् परमब्रह्म अथवा आत्मन के यथार्थ स्वरूप का बोध कराते हैं।
|
| 22. | प्रिय आत्मन! अन्धकारमेरे जीवन में तुम्हारा भी अभिनन्दन है..
|
| 23. | कभी उसे अपने आत्मन का दर्शन करने नहीं दिया गया ।
|
| 24. | तब तो आत्मन “ स्वप्न बोधिता ” भी नहीं हो सकती...
|
| 25. | साथ ही उन्हें आत्मन / ब्राह्मण परंपरा में पर्याप्त अद्वैतवाद दिखा.
|
| 26. | प्रिय आत्मन, पिछला साल बीत चुका है और नव वर्ष आगया है.
|
| 27. | आत्मन बंधु निशांत जी, सर्वप्रथम होली की हार्दिक शुभकामनाएं स्वीकारिये ।
|
| 28. | सिद्धन, शास्त्र और वाद से मुक्ति-पन्द्रंहवां प्रवचन मेरे प्रिय आत्मन अभी-अभी सूरज निकला।
|
| 29. | जैसे आत्मन: सर्वभूतेषु य:पश्यतिसपश्यति-जोअपनी तरह सभी जीवों को देखता है, वस्तुत:वही देखता है।
|
| 30. | प्रिय आत्मन, हमने पिछले सत्रों में आपके काफ़ी प्रश्नों के उत्तार दिये हैं.
|