कैल्सिट्रिऑल, विटामिन डी का उत्प्रेरित रूप, कैल्शियम के आन्त्र अवशोषण तथा फॉस्फेट के वृक्कीय पुनरवशोषण को प्रोत्साहित करता है.
22.
शैय्या विश्राम तथा त्वचा को गरम रखना-त्वचा तथा आन्त्र की क्रिया को बढ़ाकरवृक्कों का कार्य इनके द्वारा लिया जाना चाहिये.
23.
इससे भोजन-पदार्थ के पाचन हेतु पर्याप्त स्राव-एंजाइम नहीं मिल पाते और भोजन अधपचे रूप में छोटी आन्त्र में पहुँचता है।
24.
आन्त्र पुच्छ प्रदाह इस रोग के लक्षण-पेट के दाहनी ओर तीव्र वेदना, छूने मे असह्य दर्द, जवर और वमन ।
25.
निम्नलिखित उपचार रणनीतियों को नियमित नहीं किया गया है, लेकिन प्रदाहक आन्त्र रोगों के अधिकतर रूपों में ये आशाजनक दिखाई पड़ती हैं.
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कैल्सिट्रिऑल, विटामिन डी का उत्प्रेरित रूप, कैल्शियम के आन्त्र अवशोषण तथा फॉस्फेट के वृक्कीय पुनरवशोषण को प्रोत्साहित करता है.
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निम्नलिखित उपचार रणनीतियों को नियमित नहीं किया गया है, लेकिन प्रदाहक आन्त्र रोगों के अधिकतर रूपों में ये आशाजनक दिखाई पड़ती हैं.
28.
आन्त्र-ज्वर (टायफाइड): 3 से 6 ग्राम अडूसे की जड़ के चूर्ण की फंकी देने से आन्त्र ज्वर ठीक हो जाता है।
29.
के लक्षण कम होते हैं, आन्त्र अस्तर में कैनेबिनोइड अभिग्राहकों, जो जो वनस्पति-जनित रसायनों के अणुओं के प्रति प्रतिक्रिया दिखाते हैं, की उपस्थिति की संभावना का संकेत दिया है.
30.
आन्त्र परजीवी भी श्रांति की ओर अग्रसर कर सकते हैं, क्योंकि वे शरीर को अच्छे पोषण से वंचित कर देते हैं तथा अपने आपको पौष्टिक लाल रक्त से भर लेते हैं।