अभिव्यंजनावाद की मूल संकल्पना है कि कला का अनुभव बिजली की कौंध की तरह होता है, अतः यह शैली वर्णनात्मक अथवा चाक्षुष न होकर विश्लेषणात्मक और आभ्यंतरिक होती है।
22.
कहीं-कहीं उपमानों की योजना केवल शाब्दिक-समता अर्थात् उपमेय-उपमान-~ भूतदो वस्तुओं के नाम-साम्य पर आधारित रहती हैं और कहीं पर केवल वस्तु केबाह्य रूप या उसकी आभ्यंतरिक विशेषता अर्थात धर्म पर.
23.
विस्फोट के कारण ध्वस्त वायुसंचालन को पुन: स्थापित करने तथा नष्टभ्रष्ट रोधनों () का जीर्णोद्वार करने के लिये अभी तक आभ्यंतरिक स्थितियों के ज्ञान के बिना ही वायु का प्रवेश कराया जाता था।
24.
काव्य कला ' के आभ्यंतरिक रूप पर भी एक साधारण दृष्टिपात किया जाए, पर विस्तार भय से ऐसा न हो सका, काव्य के बाह्म रूप पर ही थोड़ा बहुत लिखकर सन्तोष करना पड़ा।
25.
जो मुझे उपरी तलछट में देखता है, वह मुझे सामान्य मनुष्य के रूप में देखता हैं, और जो मेरे आभ्यंतरिक जीवन को देखता है, वह मुझे ' योगीश्वर ' कहता है, ' संन्यासी ' कहता है।
26.
इन कविताओं की सामाजिक चेतना का ग्राफ भी अत्यंत सघन है, लेकिन ये कविताएं आभ्यंतरिक चेतना की कविताएं हैं और इन कविताओं में बाहरी दुनिया के दबावों का उत्स भी कहीं कवि की इसी आभ्यंतरिक चेतना में निहित है।
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इन कविताओं की सामाजिक चेतना का ग्राफ भी अत्यंत सघन है, लेकिन ये कविताएं आभ्यंतरिक चेतना की कविताएं हैं और इन कविताओं में बाहरी दुनिया के दबावों का उत्स भी कहीं कवि की इसी आभ्यंतरिक चेतना में निहित है।
28.
वे कहते हैं, जब कोई व्यक्ति आभ्यंतरिक दुनिया में अपने मन को उन्मुख करते हुए अग्रसर होता है तब वह अपने निज सत्यस्वरूप से जुड़ जाता और वह अपने आप में स्पष्ट हो जाता है कि वह परमात्मा का ही अंश है।
29.
वे कहते हैं, जब कोई व्यक्ति आभ्यंतरिक दुनिया में अपने मन को उन्मुख करते हुए अग्रसर होता है तब वह अपने निज सत्यस्वरूप से जुड़ जाता और वह अपने आप में स्पष्टï हो जाता है कि वह परमात्मा का ही अंश है।
30.
वे कहते हैं, जब कोई व्यक्ति आभ्यंतरिक दुनिया में अपने मन को उन्मुख करते हुए अग्रसर होता है तब वह अपने निज सत्यस्वरूप से जुड़ जाता और वह अपने आप में स्पष्ट हो जाता है कि वह परमात्मा का ही अंश है।