७७? संजीव भाई, वे राजनैतिक पौरुषहीनता और गलत रणनीतिक व्यूह रचना के शिकार हुय॓ हैं! जमीनी हकीकतों से मुंह मोड़ने से क्या फायदा? क्या यह कोई आमने सामने का युद्ध है जिसे वीर जवान जीत लेंगे? मन में बहुत कुछ है पर... अभी आहत हूं...
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हरिबल् लभ शुक् ला जो कि सिंधिया के विरूद्ध उठ खड़े हुये हैं, आखिर किस दम पर इतनी तगड़ी तोप उठा बैठे हैं यह समझ से परे है, क् योंकि उनकी खुद की राजनीतिक पार्टी भाजपा भी चन् द कदम साथ रह कर उनका साथ आखिर छोड़ ही देगी और फिर मुकाबला केवल आमने सामने का ही रह जायेगा ।
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इस दौरान सबसे मजे की बात तो यह है, कि यह वायरस मंगल से आमने सामने का युद्ध नहीं करता बल्कि रूप बदल-बदल कर युद्ध करता है ताकि इसे पहचाना नहीं जा सके! सभी जानते हैं कि एड्स का RETRO VIRUS अपनी सभी स्थितियों को लगातार बदलता रहता है जिसके कारन हमारा सेनापति अर्थात ' श्वेत रुधिर कणिकाएं ' (W.B.C.) इन्हें पहचान नहीं पाती हैं और इनके विरुद्ध एंटीबोडीज (ANTIBODIES) का निर्माण नहीं हो पाता है, और ये लगातार शरीर को अस्वस्थ करते रहते हैं!
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जनता के दुःख-दर्द और उनकी समस्याओं की प्राथमिकता पर सहमति जताई...!सुदर्शन ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मेरे को लेकर कोई विरोध नहीं है जंहा जाता हु लोग स्वागत के लिए आतुर नज़र आते है हां वैसे भी मेरा मुक़ाबला कांग्रेस से है निर्दलिये कि तो जमानत जब्त होजायेगी कमलेश ने जवाब में कहा इतने उतावले मत बनो थोडा इंतज़ार करलो गुप्ताजी जनता हिसाब चुकता करदेगी आप का दीपू यादव ने पिता के नाम पर वोट मांगने कि बात को बार बार दोहराया आमने सामने का संचालन संजय लाहोटी कर रहे थे ».... आगे पढ़ें