शुद्ध निकल के सिक्कों में निकल और हानिकारक अपद्रव्य के रूप में कार्वन, गंधक आदि का आमापन होता है।
22.
आमापन के लिये धातुमुद्रा का परिमाण 18. 821 ग्रेन निश्चित है, और यदि यह धातुमुद्रा शुद्धरजत की बनी हो तो 25 ग्रेन रजत क्लोराइड प्राप्त होता है।
23.
आमापन के लिये धातुमुद्रा का परिमाण 18. 821 ग्रेन निश्चित है, और यदि यह धातुमुद्रा शुद्धरजत की बनी हो तो 25 ग्रेन रजत क्लोराइड प्राप्त होता है।
24.
आमापन के लिये धातुमुद्रा का परिमाण 18. 821 ग्रेन निश्चित है, और यदि यह धातुमुद्रा शुद्धरजत की बनी हो तो 25 ग्रेन रजत क्लोराइड प्राप्त होता है।
25.
इसे गरम रहते ही चिमटी से उठाकर आमापन तुला के अपनेय (removable) पलड़े पर रखकर तौलने के लिये प्लैटिनमइरीडियम के बाटों का, जो भारतीय टकसालों के लिये ही बने होते हैं, प्रयोग होता है।
26.
गाँज के भार में वद्धि से, आमापन के लिये लिए हुए सिक्के या मिश्रधातु के तुले हुए परिमाण में ताँबे की मात्रा ज्ञात होती है, जिससे ताँबे की प्रतिशतता की गणना की जाती है।
27.
गाँज के भार में वद्धि से, आमापन के लिये लिए हुए सिक्के या मिश्रधातु के तुले हुए परिमाण में ताँबे की मात्रा ज्ञात होती है, जिससे ताँबे की प्रतिशतता की गणना की जाती है।
28.
हालांकि, यह दिखाया गया है कि आयनीकृत कैल्शियम का स्तर नीचे गिर सकता है यदि रक्त के नमूने में हेपरिन की संकेद्रता अत्यधिक उच्च हो.[50] हालांकि, हेपरिन, प्रतिरक्षा आमापन के साथ कुछ हस्तक्षेप कर सकता है.
29.
इसे गरम रहते ही चिमटी से उठाकर आमापन तुला के अपनेय (removable) पलड़े पर रखकर तौलने के लिये प्लैटिनमइरीडियम के बाटों का, जो भारतीय टकसालों के लिये ही बने होते हैं, प्रयोग होता है।
30.
काँसे के सिक्के में ताँबा, टिन और जस्ते का, ताँबा, निकल सिक्के में ताँबा और निकल का, निकल-पीतल सिक्के में ताँबा, निकल और जस्ते का, तथा रजतमिश्र धातु के सिक्के में साधारणतया केवल चाँदी का आमापन किया जाता है।