इनमें लेह और लद्दाख के आश्चर्यजनक परिदृश्यों से लेकर, हिमालय में दुनागिरि, बिनसार, मुक्तेश्वर जैसे छोटे, विशिष्ट प्राकृतिक आश्रय-स्थल, तथा पश्चिमी घाट के रोलिंग विस्टा से लेकर केरल के रोलिंग पहाड़ियों तक कई निजी आश्रय-स्थल मौजूद हैं.
22.
इनमें लेह और लद्दाख के आश्चर्यजनक परिदृश्यों से लेकर, हिमालय में दुनागिरि, बिनसार, मुक्तेश्वर जैसे छोटे, विशिष्ट प्राकृतिक आश्रय-स्थल, तथा पश्चिमी घाट के रोलिंग विस्टा से लेकर केरल के रोलिंग पहाड़ियों तक कई निजी आश्रय-स्थल मौजूद हैं.
23.
पर नवगीत में प्रकृति यथार्थ से पलायन के आश्रय-स्थल के रूप में नहीं आयी है बल्कि एक ओर यहाँ वह अपनी स्वतंत्र सौन्दर्यात्मक सत्ता रखती है, दूसरी ओर मानवीय अनुराग या युग के त्रासद संदर्भ को संवेदनात्मक रूप में उपस्थित करती है।
24.
गुफा के अंदर २ भिन्न-भिन्न रास्ते हैं; बाँईं ओर गुफा के पीछे जाने का छोटा रास्ता है जहां से धूप की चमक भीतर आ सकती है, और दाईं ओर एक प्राकृतिक सभाकक्ष की ओर रास्ता जाता है जिसे प्रागैतिहासिक लोगों का एक आश्रय-स्थल माना जाता है।
25.
यदि सलवा जुडूम आदिवासियों का आवाज़ और सलवा जुडूम बैस कैंप आश्रय-स्थल नहीं होता तो क्योंकर बस्तर के सारे आदिवासी मिलकर सलवा जुडूम को समर्थन देनेवाले सरकार के झोली में सारे व्होट डाल देते? क्या इसका उत्तर आपके पास है? कभी मिले तो ज़रूर बताइयेगा हमें भी?
26.
कारण: अविवेकपूर्ण मानवीय गतिविधियों (यथा वनों की अत्यधिक कटाई, चराई, वनभूमि का अन्य प्रयोजन हेतु उपयोग) के कारण इनके प्राकृतवास (Habitat) का सिमटना एवं उसमें गुणात्मक ह्रास (यथा आहार, जल एवं शांत आश्रय-स्थल कि कमी होना), अवैध व्यापार, हत्या आदि।
27.
दिल्ली के बाहरी इलाके में छतरपुर मार्ग पर, किसी विशाल स्पेनी हेसियेन्डा के रूपाकार में निर्मित, सुविस्तृत लॉनों और बहुत ही अच्छे ढंग से नियोजित बगीचों और जलाशयों के साथ टिवोली गार्डेन रिसॉर्ट प्रशांति के आश्रय-स्थल की तरह है और कमरे अत्यंत आरामदेह हैं, विलासितापूर्ण आलस्य से भरे सप्ताहांत के लिए एक आदर्श जगह।
28.
कारण: अविवेकपूर्ण मानवीय गतिविधियों (यथा वनों की अत्यधिक कटाई, चराई, वनभूमि का अन्य प्रयोजन हेतु उपयोग) के कारण इनके प्राकृतवास (Habitat) का सिमटना एवं उसमें गुणात्मक ह्रास (यथा आहार, जल एवं शांत आश्रय-स्थल कि कमी होना), घरेलू पालतू पक्षियों को क्षति के कारण इनकी हत्या आदि।
29.
हम नहीं चाहते कि ' धार्मिक पाप ' के संक्रामक जीवाणुओं को एक और आश्रय-स्थल मिले. क्या दोष था उन दोनों का? आज की चालू जुबान में ' दलित ' ही तो थे वे. मेरी जुबान लडख़ड़ा जाती है, कलम रो पड़ती है इस शब्द को उच्चारित करते समय, शब्दांकित करते समय.
30.
बुद्धिस्ट सर्किट के अन्तर्गत आने वाले पर्यटन क्षेत्रों में पर्यटकों की सुविधा के लिए सड़क निर्माण, डे-शेल्टर, व्यू प्वांइट, बस स्टेंड, रेलवे स्टेशन तथा सड़कों के किनारे सूचना बोर्ड और साइनेजेस, सतधारा, सोनारी तथा मुरेलखुर्द में पर्याप्त रोशनी के लिए लाइटिंग और सोलर लाइटिंग तथा आश्रय-स्थल, शौचालय आदि का निर्माण किया जायेगा।