यदि पुलिस प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज न करे तो कोई भी व्यक्ति न्यायालय के समक्ष अपना परिवाद प्रस्तुत कर सकता है (मेरी राय:आज एक तो समय की कमी है, ऐसे मामलो में उस व्यकित को सरकारी वकील आसानी से मिलना चाहिए या उस व्यक्ति को बगैर वकील की सहायता के उपरोक्त विवाद पेश करने की अनुमति होनी चाहिए) जिसे न्यायालय पुलिस थाने को मामला दर्ज करने के लिए भेज सकता है (मेरी राय:आज एक-एक न्यायालय ऐसे मामलो में फैसले देने में एक-दो साल लगा देती है)