इस दृष्टि से आहार विज्ञान में दालों को “ बॉडी बिल्डिंग ” शरीर निर्माणकारी उत्तम प्रोटीन, काबोहाइड्रेट, विटामिन तथा खनिज लवणों व अन्य सभी पोषक तत्वों से भरपूर व सर्वोपरि बताया गया है।
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यह पौष्टिक दृष्टि से बादाम से कम नहीं, क्योंकि आहार विज्ञान के विश्लेषण की दृष्टि से इसमें मांस से 1.3 गुना, अंडों से 2.5 गुना एवं फलों से लगभग 8 गुना प्रोटीन पाया जाता है।
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यह पौष्टिक दृष्टि से बादाम से कम नहीं, क्योंकि आहार विज्ञान के विश्लेषण की दृष्टि से इसमें मांस से 1.3 गुना, अंडों से 2.5 गुना एवं फलों से लगभग 8 गुना प्रोटीन पाया जाता है।
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डबल रोटी और कैंसर एक-दूसरे से जुडे़ हैं, क्योंकि आहार विज्ञान ने पाया है कि दूसरे खाने वाले पदार्थों की तुलना में डबलरोटी जल्दी पच जाती है जिससे आंतों का कैंसर होने का खतरा नहीं होता है।
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कुछ लोगों को ऐसा लग सकता है कि, कई तरह के सिद्धांतों तथा व्याख्याओं पर आधारित पश्चिमी आहार विज्ञान अपने आप में परिपूर्ण है, लेकिन असलियत यह है कि उनका यह विज्ञान जितनी समस्याओं को हल करता है उससे कहीं ज्यादा निर्माण करता है।
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पोषण तथा आहार विज्ञान के क्षेत्र में काम करने का अनुभव के दो या दो से अधिक वर्षों के एक स्नातक की डिग्री, सिफारिश के दो पत्र, और मौखिक और मात्रात्मक खंड में न्यूनतम 775 के कुल स्कोर और 3 के एक विश्लेषणात्मक निबंध स्कोर के साथ एक जीआरई के पूरा होने के बाद
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आहार विज्ञान के वर्गीकरण के अनुसार प्रति १ ०० ग्राम दाल में पाई जाने वाली प्रोटीन की मात्रा-चना की दाल में २ ० ८ प्रतिशत, मूँग की दाल में २ ४ प्रतिशत, उड़द की दाल में २ ४ प्रतिशत, अरहर की दाल में २२ ३ प्रतिशत, मूँगफली में २ ६ प्रतिशत और सोयाबीन में ४ ३.
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दिल्ली के वसंत कुंज स्थित फोर्टिस अस्पताल की आहार विज्ञान एवं चिकित्सकीय पोषण विभाग की प्रमुख सीमा सिंह ने कहा, “ मुझे नहीं लगता कि यह नया विकल्प व्यावहारिक दृष्टिकोण से सही है, क्योंकि पहली बात तो यह है कि भारत में दूध और पनीर बाजारों में आसानी से उपलब्ध होते हैं, जबकि टोफू और सोया मिल्क कुछ चुनिंदा बड़े सुपर मार्केट में ही मिलते हैं. ”