यदि यही सचमुच नारीवाद की परिभाषा है तो इससे इंकार करने वाला मूर्ख / जाहिल है....नारियों को चयन और निर्णय लेने की स्वतंत्रता हो और मैं सोचती हूँ कि इसमें किसी अन्य नारी की भी दखलंदाजी नहीं होनी चाहिए...यदि कोई अपने घर परिवार में प्रसन्न है और परिवार में रह कर बिना किसी का असम्मान किये अपनी स्वतन्त्रता को बनाये रखना चाहता/चाहती है तो उसके इस प्रयास का सम्मान किया जाना चाहिए ना कि इसे उस नारी की पुरातन सोच समझ कर माखौल उड़ाना चहिये....