दुल्हन को नहलाया गया … उसकी सलवार में उसका लाल फुंदनोंवाला इजारबंद पडा था … मालूम नहीं ये दुल्हन के गले में क्यूं न बांधा गया।
22.
कमीज़ के नीचे चारखाने की जाँघिया थी जो घुटने तक थी जिसका सुतली का इजारबंद बाएँ घुटने पर था जो जाँघिया के अन् दर से निकला था।
23.
संस्कृत का नीवि शब्द भी इसी श्रंखला में आता है जिसका अर्थ कमर से ऊपर बांध कर पहने जाने वाला वस्त्र, गठान, इजारबंद, नाड़ा आदि होता है।
24.
ग़ज़ल भी सुन चुकी हूँ और आलेख भी पढ़ा....लेकिन समझ में नहीं आता की ग़ालिब साहेब अपने इजारबंद में शे'रों को कैसे बाँध कर रात भर रखते थे...ये बात कुछ अटपटी नहीं लगती क्या आपको?
25.
‘ सकीना ' के बेजान हाथों से इजारबंद खोलने और शलवार नीचे सरकाने में अश्लीलता दिखती है वे सिराजुद्दीन की खुशी और उसकी चीख से निकले शब्दों ‘ जिंदा है, मेरी बेटी जिंदा है … ' को कभी नहीं सुन सकते।
26.
उसी बाग में किसी आदमी ने उनकी नौजवान मुलाजिमा (नौकरानी) को बडी बेदर्दी से कत्ल कर दिया था … उसके गले में उसका फुंदनों वाला सुर्ख रेशमी इजारबंद जो उसने दो रोज पहले फेरी वाले से आठ आने में खरीदा था फंसा हुआ था।
27.
और भी बहुत कुछ होता है यहाँ चोरी, मक्कारी, ठगी और लूट धीर-वीर पहुँचे हुए महात्माओं और शिष्यों की बीच जाग पड़ते हैं साधु ऐसे भी स्त्रियाँ दबे-छुपे बताती हैं यह बात-बेसुध होकर सोई हुई युवतियों के इजारबंद कट जाते हैं यहाँ रात-बिरात
28.
इजारबंद में जब न खुलने वाली गाँठ लग जाती है तो कुमायूं में उसे मरगाँठ कहते हैं मनोहर श्याम जोशी ने कसप में इसका उल्लेख किया है कसप पढने के बाद हमें तीन चीजों का चस्का लगा नैनीताल घूमने का कुमायूनी हिन्दी बोलने का और देखने का कि इजारबंद में मरगाँठ आखिर क्यों कर लग जाती है
29.
इजारबंद में जब न खुलने वाली गाँठ लग जाती है तो कुमायूं में उसे मरगाँठ कहते हैं मनोहर श्याम जोशी ने कसप में इसका उल्लेख किया है कसप पढने के बाद हमें तीन चीजों का चस्का लगा नैनीताल घूमने का कुमायूनी हिन्दी बोलने का और देखने का कि इजारबंद में मरगाँठ आखिर क्यों कर लग जाती है
30.
पहनावे में अजीब लापरवाही झलकती थी-' टोपी से बाहर झाँकते हुये बिखरे बाल, शेरवानी के खुले बटन, ढीला-ढाला (और कभी-कभी बेहद गंदा और मुसा हुआ) पैजामा, लटकता हुआ इजारबंद, एक हाथ में सिगरेट और दूसरे में घड़ी, गहरी-गहरी और गोल-गोल-डस लेने वाली-सी आँखों में उनके व्यक्तित्व का फक्कड़पन खूब जाहिर होता था।