एक स्थिति ऐसी आती है जब उस पर नीछे की ओर लगने वाला गुरुत्व बल उस पर उपर की ओर लगने वाले उत्प्लावन बल एवं श्यान बल के योग के बराबर हो जाता है।
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यदि मुकुट सोने से कम घना था, इसने अपने अधिक आयतन के कारण अधिक पानी को प्रतिस्थापित किया होगा, और इस प्रकार इस पर लगने वाले उत्प्लावन बल की मात्रा नमूने से अधिक रही होगी.
23.
वे कहते हैं कि जब-जब पानी का अत्याधिक दोहन होता है, तब जमीन के अंदर के पानी का उत्प्लावन बल कम होने या खत्म होने पर जमीन धंस जाती है और उसमें दरारें पड़ जाती हैं।
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द्रब्य की अविनाशिता का नियम • उर्जा संरक्षण का नियम • संवेग संरक्षण का नियम • न्यूटन के गति के नियम • न्यूटन का गुरुत्व का नियम • केप्लर का नियम • उत्प्लावन बल • आर्किमिडीज का
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यह भयावह खतरे का संकेत है, क्योंकि जब-जब पानी का अत्यधिक दोहन होता हैे, तब जमीन के अंदर के पानी का उत्प्लावन बल कम होने या खत्म होने पर जमीन धंस जाती है और उसमें दरारें पड़ जाती हैं।
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यह भयावह खतरे का संकेत है, क्योंकि जब-जब पानी का अत्यधिक दोहन होता हैे, तब जमीन के अंदर के पानी का उत्प्लावन बल कम होने या खत्म होने पर जमीन धंस जाती है और उसमें दरारें पड़ जाती हैं।
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बोले ; “ आर्कमिडीज की परिकल्पना के बारे में बताओ? ” मैंने उन्हें सुना दिया ; “ कोई वस्तु किसी द्रव में पूरी या आंशिक रूप से डुबाई जाती है तो वस्तु पर लगने वाला उत्प्लावन बल, वस्तु द्वारा हटाये गए द्रव के भार के बराबर होता है. ”
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फलतया पानी झाग-बुलबुले बनने लगते हैं, ऐसे में समुन्दर के इस भाग पर तैरते-इठलाते जहाजों को आवश्यक, बोयेंसी (उत्प्लावन बल, ऊपर की और पर्याप्त उछाल नहीं मिलती, आर्किमिडिज़ का सिद्धांत: जब कोई वस्तु किसी द्रव में आंशिक या पूर्ण तया डुबोई जाती है तो उसके भार में कमी आ जाती है, और यह कमी वस्तु द्वारा हठाये गए, विस्थापित जल के भर के बराबर होती है, उपरी उछाल ही उत्प्लावन बल है, ज़नाब).
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फलतया पानी झाग-बुलबुले बनने लगते हैं, ऐसे में समुन्दर के इस भाग पर तैरते-इठलाते जहाजों को आवश्यक, बोयेंसी (उत्प्लावन बल, ऊपर की और पर्याप्त उछाल नहीं मिलती, आर्किमिडिज़ का सिद्धांत: जब कोई वस्तु किसी द्रव में आंशिक या पूर्ण तया डुबोई जाती है तो उसके भार में कमी आ जाती है, और यह कमी वस्तु द्वारा हठाये गए, विस्थापित जल के भर के बराबर होती है, उपरी उछाल ही उत्प्लावन बल है, ज़नाब).