मेरी एक मित्र न्यू-यार्क, न्यू जर्सी के इलाके के प्रवासी भारतीय बच्चो को हिन्दी पढाने का उपकर्म कर रही है, और दूतावास की सहायता से कुछ हिन्दी की किताबे भी उन्होंने ली है, पर जब कभी किसी शब्द के अर्थ को लेकर इस भूतपूर्व “ बायोकेमेस्ट्री ” की छात्रा को शंशय होता है तो में उसे आपके ब्लॉग का लिंक भेज देती हूँ.