| 21. | सिमफ़ायटा उपगण की जातियों के तथा क्रकचमक्षियों के डिंभ अत्यधिक हानिकारक होते हैं।
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| 22. | ऐपोक्रिटा उपगण की केवल थोड़ी सी ही जातियाँ हानिकारक हैं, अधिकतर जातियाँ लाभदायक हैं।
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| 23. | ऐपोक्रिटा उपगण की केवल थोड़ी सी ही जातियाँ हानिकारक हैं, अधिकतर जातियाँ लाभदायक हैं।
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| 24. | यह उपगण भी कृंतकों का काफ़ी बड़ा उपगण है, जिसमें १९ कुल रखे गए हैं।
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| 25. | यह उपगण भी कृंतकों का काफ़ी बड़ा उपगण है, जिसमें १९ कुल रखे गए हैं।
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| 26. | इस उपगण में परिगणित कृंतकों की चर्वणपेशी का मध्य भाग अक्ष्यध: कुल्या से होकर जाता है।
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| 27. | कृंतकों के इस आद्यतम उपगण में गिलहरियों, उड़नेवाली गिलहरियों तथा ऊदों के अतिरिक्त सिवेलेल (
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| 28. | इस उपगण में परिगणित कृंतकों की चर्वणपेशी का मध्य भाग अक्ष्यध: कुल्या से होकर जाता है।
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| 29. | यह उपगण भी कृंतकों का काफ़ी बड़ा उपगण है, जिसमें १९ कुल रखे गए हैं।
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| 30. | यह उपगण भी कृंतकों का काफ़ी बड़ा उपगण है, जिसमें १९ कुल रखे गए हैं।
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