५ प्रतिशत की वृद्धि हुई तो लगभग उतनी ही रही जितनी किपिछले वर्ष थोक कीमत सूचकांक की अपेक्षा उपभोक्ता कीमत सूचकांक में अधिकवृद्धि का कारण अनाज व खाने की अन्य चीजों की कीमतों में अधिक वृद्धि काहोना है जिसका प्रभाव उपभोक्ता कीमत सूचकांक पर अधिक पड़ता है.
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५ प्रतिशत की वृद्धि हुई तो लगभग उतनी ही रही जितनी किपिछले वर्ष थोक कीमत सूचकांक की अपेक्षा उपभोक्ता कीमत सूचकांक में अधिकवृद्धि का कारण अनाज व खाने की अन्य चीजों की कीमतों में अधिक वृद्धि काहोना है जिसका प्रभाव उपभोक्ता कीमत सूचकांक पर अधिक पड़ता है.
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अभी अगर हम सरकार की ही तरह सिपर्फ कैलोरी उपभोग को ही एकमात्र पैमाना मानें तो आज के उपभोक्ता कीमत सूचकांकों से समायोजित करने पर 2400 कैलोरी / 2100 कैलोरी के उपभोग के लिए जितनी औसत प्रति व्यक्ति आय की आवश्यकता होगी, उसके मुताबिक देश की करीब 80 प्रतिशत ग्रामीण आबादी और 60 प्रतिशत शहरी आबादी ग़रीबी रेखा के नीचे है।