| 21. | देखूँ सबके उर की डाली / सुमित्रानंदन पंत
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| 22. | पूरा बंगाले का उर आक्सीजन से भर जायेगा.
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| 23. | के, वास्तव में मैं उर झटका से पहले
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| 24. | स्मृति दीप भग्न उर की कामना के दीप,
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| 25. | परम प्रभु अपने ही उर में पायो??
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| 26. | श्रीरघुबीर हरषि उर लाये॥ रघुपति कीन्ही बहुत बडाई।
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| 27. | हमने कई ‘ नेकी उर बूझ-बूझ उलात करो।
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| 28. | बाण लग्यो उर लछिमन के तब, प्राण तजे
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| 29. | मैं निज उर के उद्गार लिए फिरता हूँ,
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| 30. | अपने चिर स्नेहातुर उर की व्यथा भुलाऊँ!
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