| 21. | वह तेरे कारण आनन्द से मग्न होगा, वह अपने प्रेम के मारे चुपका रहेगा, तब ऊँचे स्वर से गाता हुआ तेरे कारण मगन होगा।
|
| 22. | “तब उन में से एक ने जब देखा कि मैं चँगा हो गया हूँ, ऊँचे स्वर से परमेश्वर की बढ़ाई करते हुए वापस लौट गया।
|
| 23. | “ तब उन में से एक ने जब देखा कि मैं चँगा हो गया हूँ, ऊँचे स्वर से परमेश्वर की बढ़ाई करते हुए वापस लौट गया।
|
| 24. | हे सिय्योन, ऊँचे स्वर से गा और आनन्द कर, क्योंकि देख, मैं आकर तेरे बीच में निवास करूंगा, यहोवा की यही वाणी है।
|
| 25. | और कई युवतियों ने हाँक लगायी-वोट! वोट! ओंकारनाथ ने खड़े होकर ऊँचे स्वर से कहा-नारीजाति के विरोधियों की पगड़ी नीची हो।
|
| 26. | देखते ही उसने ऊँचे स्वर से भट्ट को पुकार कर कहा “यदुभट्ट! पागलों की तरह क्या बक रहे हो?” कण्ठस्वर सुनते ही वृद्ध चौंककर उठ खड़ा हुआ।
|
| 27. | ऊँचे स्वर से गाते निर्झर उमड़ी धारा, जैसी मुझपर-बीती झेली, साथ नहीं हो तुम बहुत दिनों में आज मिली है साँझ अकेली, साथ नहीं हो तुम।
|
| 28. | ऊँचे स्वर से गाते निर्झर उमडी धारा, जैसी मुझपर-बीती झेली, साथ नहीं हो तुम, बहुत दिनों में आज मिली है साँझ अकेली, साथ नहीं हो तुम ।
|
| 29. | उसकी ऑंखों तले अँधेरा छा गया, पर अपनी बची हुई शक्ति को एकत्र करके ऊँचे स्वर से बोली-लड़को क्यों भागते हो? क्या नेवता खाने आये थे।
|
| 30. | तीर्थ-व्रत आदि करने, भगवान के गुणों को वर्णन करने वाले ग्रंथों का पाठ करने, स्तुति करने और गीत-भजन ऊँचे स्वर से गाने को भी किसी कदर पूजा मान लेते हैं।
|