कुबरा मौलवी! बाप रे-तमोली अपनी दुकान सँभालने लगा| पास ही एक दुकान पर बैठकर ऊंघता हुआ बजाज चौंककर सर में चोट खा गया| इसी मौलवी ने तो महाराज चेतसिंह से साढ़े-तीन सेर चींटी के सर का तेल माँगा था| मौलवी अलाउद्दीन कुबरा! बाज़ार में हलचल मच गई| नन्हकूसिंह ने मन्नू से कहा-”क्यों चुपचाप बैठोगे नहीं|” दुलारी से कहा-वहीँ से बाई जी!
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हालांकि देश के कुछ रक्षा विशेषज्ञ चीनी कमजोरियों की बात करके खतरे को कम करके आंकने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन चीनी इतिहास को ध्यान से देखा जाए तो चीन दुनिया की परवाह करने वाला देश नहीं है इसलिए भारत को अपना रक्षा बजट सकल घरेलू उत्पाद का दस नहीं तो कम से कम पांच फीसदी से अधिक रखकर तीनों सेनाओं का तेजी से आधुनिकीकरण करना होगा अन्यथा ऊंघता हुआ दिख रहा चीनी ड्रेगन कभी भी अपनी जीभ लपलपाता हुआ भारत पर टूट पड़ेगा।