| 21. | इसके पत्तों कारस अन्त: प्रयोगों में लेप से मूत्रल, ऋतुस्राव नियामक और सर्दी के शोथ को मिटाने वाला होता है।
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| 22. | गर्भपात होने के बाद छह माह तक दशमूल काढ़ा ऋतुस्राव वाले दिन से 15 दिन तक प्रातः पीना चाहिए।
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| 23. | गर्भपात होने के बाद छह माह तक दशमूल काढ़ा ऋतुस्राव वाले दिन से 15 दिन तक प्रातः पीना चाहिए।
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| 24. | गर्भाशय के दूषित होने पर कुछ स्त्रियों को मासिक ऋतुस्राव कम मात्रा में और अनियमित रूप से होता है।
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| 25. | गर्भाशय के दूषित होने पर कुछ स्त्रियों को मासिक ऋतुस्राव कम मात्रा में और अनियमित रूप से होता है।
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| 26. | घावों के चारों ओर जलन. जीर्ण छाजन (च्ह्रोनिच् एद्ॅएम) के साथ अनार्तव (आमेनोर्र्होएअ), ऋतुस्राव के दौरान या रजोनिवृतिकाल में अधिक.
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| 27. | कई स्थूलकाय स्त्रियों के गर्भाशय और डिम्बाशय कठोर हो जाते हैं, जिससे उनको ऋतुस्राव कम मात्रा में होता है।
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| 28. | ताजा अनुसंधानों से यह भी देखा गया है कि मासिक ऋतुस्राव का महिलाओं की व्यसनी पदार्थों की अनुक्रिया पर प्रभाव पड़ता है।
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| 29. | ताजा अनुसंधानों से यह भी देखा गया है कि मासिक ऋतुस्राव का महिलाओं की व्यसनी पदार्थों की अनुक्रिया पर प्रभाव पड़ता है।
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| 30. | स्त्रियों के लिए योनिशूल, योनिशोथ और योनि विकार नाशक, रक्तप्रदर एवं अति ऋतुस्राव को सामान्य करने वाला तथा शीतलता प्रदान करने वाला है।
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