सन् 1831 में फेक्नर स्वयं एकदिश धारा विद्युत् के मापन के विषय पर एक अत्यंत महत्वपूर्ण लेख प्रकाशित कर चुके थे।
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एकदिश धारा उत्तेजन ने अगले दिन शब्द-जोड़ी स्मरण में बहुत वृद्धि कर दी, इससे यह प्रमाण मिला कि प्रासंगिक स्मृतियों के समेकन में
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अंतर्दहन इंजनों में (और आगे-पीछे चलनेवाले पिस्टन युक्त अन्य इंजनों में भी) दो जातियाँ होती हैं, एकदिश सक्रिय (सिंगल-ऐक्टिंग) इंजन और उभयदिश सक्रिय (डबल-ऐक्टिंग) इंजन।
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अंतर्दहन इंजनों में (और आगे-पीछे चलनेवाले पिस्टन युक्त अन्य इंजनों में भी) दो जातियाँ होती हैं, एकदिश सक्रिय (सिंगल-ऐक्टिंग) इंजन और उभयदिश सक्रिय (डबल-ऐक्टिंग) इंजन।
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इसमें लगी बैटरी को चार्ज करने के लिए, बत्तियां जलाने के लिए या रेडियो रिसीवर को चलाने के लिए कुछ में छोटे एकदिश धारा विद्युत्-प्रवाह जेनरेटर थे.
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इसमें लगी बैटरी को चार्ज करने के लिए, बत्तियां जलाने के लिए या रेडियो रिसीवर को चलाने के लिए कुछ में छोटे एकदिश धारा विद्युत्-प्रवाह जेनरेटर थे.
27.
एकदिश सक्रिय इंजनों में कार्यकारी पदार्थ (पेट्रोल, डीज़ल तेल, आदि) पिस्टन के केवल एक ओर रहता है ; उभयदिश सक्रिय इंजनों में दोनों ओर।
28.
एकदिश धारा उत्तेजन ने अगले दिन शब्द-जोड़ी स्मरण में बहुत वृद्धि कर दी, इससे यह प्रमाण मिला कि प्रासंगिक स्मृतियों के समेकन में SWS एक बड़ी भूमिका निभाता है.
29.
अंतर्दहन इंजनों में (और आगे-पीछे चलनेवाले पिस्टन युक्त अन्य इंजनों में भी) दो जातियाँ होती हैं, एकदिश सक्रिय (सिंगल-ऐक्टिंग) इंजन और उभयदिश सक्रिय (डबल-ऐक्टिंग) इंजन।
30.
एकदिश सक्रिय इंजन की अपेक्षा उभयदिश सक्रिय इंजन में लगभग दुगुनी ऊर्जा उत्पन्न होती है और नाप में नाममात्र ही वृद्धि होती परंतु उभयदिश सक्रिय इंजनों के निर्माण में कई यांत्रिक कठिनाइयाँ पड़ती हैं।