इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए फास्फोरिकम एसिडम औषधि का प्रयोग करना उचित होता है।
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वात रोग से सम्बन्धित लक्षण:-जोड़ों और पुट्ठों दोनों प्रकार के वात रोगों को ठीक करने के लिए लैक्टुका एसिडम औषधि प्रयोग करते हैं।
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लैक्टुका एसिडम औषधि स्त्रियों तथा पुरुष के कष्टदायक प्रमेह रोग होने के साथ ही कई प्रकार के लक्षण होने पर रोग को ठीक करने के उपयोग करना चाहिए।
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सुबह के समय में जी मिचलाना तथा उल्टी होना, मधुमेह रोग तथा जोड़ों में दर्द को ठीक करने के लिए लैक्टुका एसिडम औषधि का उपयोग करना चाहिए।
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फास्फोरिकम एसिडम औषधि उन स्त्री तथा पुरुषों के लिए उपयोगी है जो जल्दी ही बढ़ते हैं और जो अत्यधिक मानसिक व शारीरिक परिश्रम करने के कारण थक जाते हैं।
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फास्फोरिकम एसिडम औषधि स्नायविक तनाव, पेशियों की कमजोरी, शारीरिक कमजोरी, वायु के कारण आंतों में परेशानी होना और हडि्डयों से सम्बन्धित रोगों को ठीक करने के लिए उपयोगी है।
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छाती पर होने वाले घाव तथा स्वर यंत्रों में टी. बी. रोग की तरह का घाव होने पर लैक्टुका एसिडम औषधि का बाहरी उपयोग करने से रोग ठीक हो जाता है।
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कॉफी के रंग की तरह दस्त का आना, जीभ कत्थई व सूखी हुई होना तथा गहरे हरे रंग की उल्टी होना आदि लक्षणों में टार्टैरिकम एसिडम औषधि का प्रयोग अत्यंत लाभकारी होता है।
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इस प्रकार के लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए फास्फोरिकम एसिडम औषधि का प्रयोग करना लाभदायक होता है।
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इस प्रकार के लक्षणों में से यदि कोई भी लक्षण किसी व्यक्ति को हो गया है तो उसके रोग के लक्षणों को ठीक करने के लिए फास्फोरिकम एसिडम औषधि का प्रयोग करना लाभदायक होता है।