कुछ खास आवाजें और एक पंच लाइन: जब मैं एक बार कमिटमेंट कर देता हूं, तो अपनी भी नहीं सुनता, भइया जी स्माइल जैसे पंच लाइन की तर्ज पर इस फिल्म में डायलॉग है मुझ पर एक एहसान करना कि मुझ पर कोई एहसान न करना।
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कुछ खास आवाजें और एक पंच लाइन: जब मैं एक बार कमिटमेंट कर देता हूं, तो अपनी भी नहीं सुनता, भइया जी स्माइल जैसे पंच लाइन की तर्ज पर इस फिल्म में डायलॉग है मुझ पर एक एहसान करना कि मुझ पर कोई एहसान न करना।
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तुम्हें एक से बढ़कर एक सुंदर, पढ़ी-लिखी लड़की शादी के लिए मिल जायेगी, फिर मुझ अपाहिज से … मुझमें दिलचस्पी क्यों? कहीं ऐसा तो नहीं कि मुझ पर तरस खाकर या सहानुभूति का लिबास ओढ़कर मुझ पर कोई एहसान करना चाहते हो तो तुम्हें इतना बता दूं कि मुझे दया, तरस और सहानुभूति जैसे शब्दों से चिढ़ है।