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ऐतिहासिक भाषाविज्ञान उदाहरण वाक्य

उदाहरण वाक्य
21.मास्टर स्तर पर हम पाठ्यक्रम व्याकरण सिद्धांत में, शब्द के गठन, प्रवचन विश्लेषण, शब्दों और कोशकला, और भाषाई परिवर्तन, जो अपने दायरे में अपेक्षाकृत सामान्य हैं प्रदान करते हैं, जबकि स्कैंडिनेवियाई और स्कैंडिनेवियाई ऐतिहासिक भाषाविज्ञान के भीतर भाषाई भिन्नता के पाठ्यक्रम पर एक और अधिक विशेष रूप स्केंडिनेवियाई परिप्रेक्ष्य.

22.मास्टर स्तर पर हम पाठ्यक्रम व्याकरण सिद्धांत में, शब्द के गठन, प्रवचन विश्लेषण, शब्दों और कोशकला, और भाषाई परिवर्तन, जो अपने दायरे में अपेक्षाकृत सामान्य हैं प्रदान करते हैं, जबकि स्कैंडिनेवियाई और स्कैंडिनेवियाई ऐतिहासिक भाषाविज्ञान के भीतर भाषाई भिन्नता के पाठ्यक्रम पर एक और अधिक विशेष रूप स्केंडिनेवियाई परिप्रेक्ष्य....

23.इस तरह 19 वीं सदी में प्रतिपादित ऐतिहासिक भाषाविज्ञान की मान्यताएं भाषा विज्ञान के पाठकों-लेखकों के लिये कितनी स्वाभाविक और स्वतःसिद्ध बन गई हैं, इसका पता 1920 में लिखे गए कामताप्रसाद गुरु के हिन्दी व्याकरण से मिलता है जिसमें इन मान्यताओं को इनके सबसे सरलतम रूप में पेश किया गया है।

24. ' अर्थानुशासन ‘, ' नामों का भाषाविज्ञान ‘, ' भारत की भाषाएं ‘, ' भाषा शिक्षण एवं भाषा भूगोल ‘, ' भारत के भाषा परिवार ‘, ' ऐतिहासिक भाषाविज्ञान ‘, ' भारत की प्राचीन भाषाएं ‘ तथा ' भाषा: अर्थ और संवदेना ` उनकी भाषा विषयक प्रमुख पुस्तकें हैं।

25. ' ' इस नए दृष्टिकोण को प्रेरणाप्रद बतलाते हुए उन्होंने आगे लिखा कि भारत को एक भाषाई क्षेत्र मानकर ‘‘ ऐतिहासिक भाषाविज्ञान के विकास के लिये नए तथ्यों का पता लगाया जा सकता है, भाषा परिवारों के विकास और उनके संबंधों के बारे में नई जानकारी प्राप्त की जा सकती है, नई स्थापनाएं प्रस्तुत की जा सकती हैं … ।

26.1952 में एम. ए. के विशेष पत्र के रूप में लिखी गई अपनी किताब हिन्दी के विकास में अपभ्रंश का योग में प्रस्तुत की गई बहुत सी स्थापनाओं से आज के प्रौढ़ नामवरजी शायद सहमत न होंगे, 19 वीं सदी के ऐतिहासिक भाषाविज्ञान और सुनीति बाबू की मान्यताओं पर आधारित इस किताब ने अपभ्रंश से हिन्दी की उत्पत्ति की धारणा को लगभग एक शास्त्र जैसा रूप दे दिया है।

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अंग्रेज़ी→नहीं। नहीं।→अंग्रेज़ी