| 21. | वो ऐब को हुनर कहते हैं सही नहीं
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| 22. | देखने में कोई ऐब-फरेब नहीं.
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| 23. | भले इन प्रानेशों में लाखों ऐब थे,
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| 24. | ऐब जो हाफ़िज़ ओ ख़य्याम में था ।
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| 25. | ऐब को ऐब समझिए तो कहां रहता है
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| 26. | ऐब को ऐब समझिए तो कहां रहता है
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| 27. | छोटे आदमी में तो सब ऐब होते हैं।
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| 28. | सदा तुमने ऐब देखा, हुनर को न देखा
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| 29. | ऐब भी करने को हुनर चाहिए!
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| 30. | नसब (वंश) में ऐब लगाना और मृतक पर नौहा
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