काठमाँडो सम्मेलन की सबसे बड़ी खूबी यह है कि सारी दुनिया का ध्यान उस बात पर गया, जो नहीं हुई | जो हुई, उस बात पर कोई ध्यान ही नहीं दे रहा है | भारत और पाकिस्तान के नेताओं की औपचारिक भेंट क्या दक्षेस का एक मात्र् एजेंडा था? वह नहीं हुई तो नहीं हुई | इसके अलावा दक्षेस के पास क्या कोई और काम-धन्धा नहीं था?