बधाई देकर नेग की कमाई करने वाले किन्नर समाज के लिए कानून तो मर्दों और औरतों जैसा ही है लेकिन इसके बाद की प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों को यह भी नहीं मालूम कि आखिर अदालत से सजा पाये किन्नरों को कारागार में किस जगह रखा जायेगा।
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बधाई देकर नेग की कमाई करने वाले किन्नर समाज के लिए कानून तो मर्दों और औरतों जैसा ही है लेकिन इसके बाद की प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों को यह भी नहीं मालूम कि आखिर अदालत से सजा पाये किन्नरों को कारागार में किस जगह रखा जायेगा।
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जो भी हो शुरू शुरू में तो उसका औरतों जैसा व्यव्हार सिर्फ उसके बोलने, चलने या कभी कभार शाल ओढ़ने के तरीके तक ही सीमित था मतलब की वो कपडे तो लड़कों जैसे ही पहनता था बस शारीरिक हाव भाव से ही स्त्रियों के लक्षण प्रकट करता था ।
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इस लेख की शुरूआत अमृता राव से करने का अर्थ कोई अमृता का प्रशंसक होना नहीं है बल्कि यह बताना भी है पिछले सौ सालों में बदलते सिनेमा में भारतीय स्त्री का प्रारूप और स्वरूप इस कदर बदल गया हैकि अब वहाँ हमारे पर्दे पर नायिका के खुद को साबित करने के आहिल्या बाई सती सावित्री सीता या उसके बाद बिमल राय, गुरूदत और वी शांताराम जैसे फिल्मकारों की औरतों जैसा कोई उदाहरण पेश करती नजर नहीं आती।