डार्लिंग कच्ची उम्र का छोरा सिर्फ खिलौना तोड़ सकता है पर एक अनुभवी छोरा को मालूम है कि लड़की को कैसे गरम करके संतुष्ट करना है. 14780
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कच्ची उम्र का प्यार जल्द ही शारीरिक सम्बन्ध की राह पकड़ लेता है और इस तरह एक जवान लड़का-लड़की अपना कौमार्य खो देते (lost their virginity) है।
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सोहणी की भूमिका करने वाला रासधारिया कोई कच्ची उम्र का लड़का था जो शरमाता भी था, मुस्कराता भी था और उसकी आँखों में हया की लकीरें भी थीं।
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मगर इस अभिमानी राजा से भिड़ गया कच्ची उम्र का एक लड़का, जिसने राजा से हल चलवा लिया और यों राजा ने जाना कि मेहनत की खुशी क्या होती है।
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कच्ची उम्र का तकाज़ा, प्रशासन की चेतावनी बेहद आकर्षक लगती थी तब देखते-देखते पहला तल्ला डूब गया हमारा छत शरणार्थी स्थल बन गया एक रोटी पर पाँच मुँहों का निवाला था ।
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न जाने वह आत्म मुग्धता थी या कच्ची उम्र का उत्साह, कि छपे हुए लेखों की कतरने मैं अपने घरवालों से पत्रों के माध्यम से मंगाया करती थी और मैं और मेरे दोस्त उन लेखों के नीचे लिखे मेरे नाम के साथ फोटो और “ मॉस्को से ” टैग को बड़े गर्व से निहारा करते थे.
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शाम ढली है चांद अभी निकला-निकला छत पर मैं अम्बर पे वो तनहा-तनहा छोड़ लड़कपन होश अभी संभला-संभला मौसम का हर रंग लगे बहका-बहका कभी भटकता रहता हूँ सहरा-सहरा कभी रहूँ मैं काग़ज़ पर बिखरा-बिखरा कच्ची उम्र का प्यार मेरा पहला-पहला संदल वन-सा तन मेरा महका-महका आज मिरे चेहरे पर एक उदासी है आज की शब है चांद भी कुछ उतरा-उतरा
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चाय की दुकानों पर काम करने वाले छोटूओं के माँ-बाप पैदाईशी ही लुले-लंगडे होते उनके घरों में भूख सेंकने के लिये हाथ पैदा करना होता था काम और कच्ची उम्र का मेहतना पेट की आग पर पानी बन बरसता ऐसे में वह रुई से पानी निचोंडता रुखे और सूखे दर्द पर फेरता हाथ कुछ ऐसे कि गंगा भी हिमालय से फुट पडती जो आजकल सूखी पडी है कही
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अभिषेक-जैसे पहली बार जब माँ से अलग रहना पड़ा था, जब स्कूल में प्रिंसिपल ने पकडा था, भाई का उस कच्ची उम्र का भ्रातृप्रेम जिसने संकट में भी साथ नहीं छोडा, दोस्त से कम अंक लाने का अनुरोध, जब फिरंगी लड़की ने हमारी हिंदी समझ ली, वो हमउम्र तथा बड़ों से दोस्ती जिसकी कोई मिसाल नहीं, वो प्रोफेसर साहब का दुबारा अपने घर पर रहने के लिए बुलाना, वो 'लडकियां' जिन्होंने प्रोपोज किया, प्रोफेसर साहब ने जिस दिन अपनी बेटी का रिश्ता दिया, अनेकों हैं...
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पर कुछ बातें भुलाए नहीं भूलती. ताऊ-जैसे?अभिषेक-जैसे पहली बार जब माँ से अलग रहना पड़ा था, जब स्कूल में प्रिंसिपल ने पकडा था, भाई का उस कच्ची उम्र का भ्रातृप्रेम जिसने संकट में भी साथ नहीं छोडा, दोस्त से कम अंक लाने का अनुरोध, जब फिरंगी लड़की ने हमारी हिंदी समझ ली, वो हमउम्र तथा बड़ों से दोस्ती जिसकी कोई मिसाल नहीं, वो प्रोफेसर साहब का दुबारा अपने घर पर रहने के लिए बुलाना, वो 'लडकियां' जिन्होंने प्रोपोज किया, प्रोफेसर साहब ने जिस दिन अपनी बेटी का रिश्ता दिया, अनेकों हैं...