य ह तो साफ़ है कि अवेस्ता और प्राचीन फ़ारसी के ‘ कम्ना ' में कुछ, थोड़ा का भाव था जो बाद में ‘ कम ', ‘ न्यून ' के अर्थ में प्रचलित हुआ ।
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‘ कम्ना ' में निहित ‘ न्यून ', ‘ कुछ ', ‘ थोड़ा ' या ‘ कमी ' का भाव दरअसल ‘ कम् ' से नहीं बल्कि ‘ उन् ' प्रत्यय से आ रहा है ।
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‘ कम्ना ' में निहित ‘ न्यून ', ‘ कुछ ', ‘ थोड़ा ' या ‘ कमी ' का भाव दरअसल ‘ कम् ' से नहीं बल्कि ‘ उन् ' प्रत्यय से आ रहा है ।
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भाषाविद् ब्रूस लिंकन, “ डेथ वार एन्ड सेक्रिफाइसः स्टडीज़ इ आइडिऑलॉजी एन्ड प्रैक्टिस ” पुस्तक में लिखते हैं कि पुरानी फ़ारसी में ‘ कम्ना '-शब्द का अक्सर प्रयोग हुआ है जिसका अर्थ है “ योद्धाओं की कमी ” ।
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समय पर पहुंचना का ढोंग रचना / दिखावा करना अस्वाभाविक व्यवहार अस्वाभाविक व्यवहार समय पर पहुंचना दीखावा करना बन्ना कम्ना बनना[बनाना] विचार शैली चित्र के लिए खडा रहना या बैठना निर्माण करना करना विचार शैली सोचनाना निर्माण करना करना खड़ा होना चल पड्ॅअना बनना पहुंचना बहाना करना
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अवेस्ता और पुरानी फ़ारसी में ‘ कम्ना ' शब्द का प्रयोग कुछ के सन्दर्भ में होता था मगर बाद में फ़ारसी में ‘ कम्ना ' का रूपान्तर ‘ कम ' हुआ और उसका प्रयोग ‘ न्यून ', ‘ थोड़ा ' के लिए होने लगा।
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अवेस्ता और पुरानी फ़ारसी में ‘ कम्ना ' शब्द का प्रयोग कुछ के सन्दर्भ में होता था मगर बाद में फ़ारसी में ‘ कम्ना ' का रूपान्तर ‘ कम ' हुआ और उसका प्रयोग ‘ न्यून ', ‘ थोड़ा ' के लिए होने लगा।
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अगर हम वैदिक भाषा के ‘ कम् ', ‘ काम ', ‘ कामना ' जैसे शब्दों में ‘ कम्ना ' का अर्थ खोजेंगे तो निराशा ही हाथ लगती है मगर ‘ कम्ना ' से जुड़े ‘ ऊनम् ' प्रत्यय का अस्तित्व जैसे ही स्पष्ट होता है, ‘ कम् ' की व्युत्पत्ति का सूत्र भी नज़र आने लगता है ।
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अगर हम वैदिक भाषा के ‘ कम् ', ‘ काम ', ‘ कामना ' जैसे शब्दों में ‘ कम्ना ' का अर्थ खोजेंगे तो निराशा ही हाथ लगती है मगर ‘ कम्ना ' से जुड़े ‘ ऊनम् ' प्रत्यय का अस्तित्व जैसे ही स्पष्ट होता है, ‘ कम् ' की व्युत्पत्ति का सूत्र भी नज़र आने लगता है ।
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इस नाते संस्कृत के ‘ काम ' में निहित “ कुछ पुरुष ” या “ कुछ लोग ” (या उनकी संख्या, तादाद) जैसा आशय इस बात का प्रमाण है कि गाथाअवेस्ता के ‘ कम्ना ' से उद्भूत ‘ कम ' शब्द का रिश्ता वैदिक शब्दावली वाले ‘ कम ', ‘ काम ' जैसे शब्दों से भी हो सकता है ।