“ रानी पद्मिनी दी हिरोइन ऑफ़ चित्तौड़ ” नामक अंग्रेजी पुस्तक के लेखक बी. के. करकरा भी इसी तरह विश्लेषण करते हुए लिखते है यह सत्य है कि रानी पद्मिनी हमारी गौरवपूर्ण राष्ट्रीय नायिका है जो सिंघलदीप या सिलोन की नहीं चित्तौड़ के ही पास के किसी स्थान के शासक की राजकुमारी थी |
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रजनीश का मूल्यांकन सदियाँ करेगीं-ऐसा वेल रेड, चिंतनशील समान वयी व्यक्ति शायद ही कोई हुआ हो-उनकी तार्किक खंडनात्मकता तो अद्भुत थी-वे भारत भूमि से बहिष्कृत केवल इसलिए हो गए कि परवर्ती बौद्ध मठों की तरह उन्होंने भी यौन साधनाएं शुरू करकरा दीं-यह सनातंनवादियों का देश है-यहाँ पञ्च मकार वर्जित है....