2. सबहिं लोकनि के आपन वैज्ञानिक, साहित्यिक आओर कलात्मक कृति जे घ्लिय्वले बा, के नैतिक आओर भैतिक हित के संरक्षण के अधिकार बा।
22.
ऎसी किसी भी कलात्मक कृति का तब तक कोई औचित्य नहीं, जब तक कि वह इंसान की सुप्त चेतना को न झकझोरे।
23.
2. सब के अपन वैज्ञानिक, साहित्यिक और कलात्मक कृति जेकर ओ लेय्वन हए के नैतिक और मौलिक फायदा के संरक्षण के अधिकार हई।
24.
मैं एक कलात्मक कृति होना चाहता हूँ, कम से कम अपनी आत्मा में, क्योंकि मैं अपने शरीर में तो ऐसा नहीं हो सकता।
25.
(ii) कोई भी अन्य कलात्मक कृति यदि उस का समावेश केवल पृष्ठभूमि या अन्य प्रकार से फिल्म में प्रस्तुत मुख्य अन्तर्वस्तुओं के साथ प्रासंगिक हो;
26.
रह गयी बात नंगई और कलात्मकता की, तो माफ कीजिए, कितनी भी कलात्मक कृति क्यों न हो, लोगों को उसमें नंगई नज़र आती ही आती है.
27.
(२)प्रत्येक व्यक्ति को किसी भी ऐसी वैज्ञानिक, साहित्यिक या कलात्मक कृति से उत्पन्न नैतिक और आर्थिक हितों की रक्षा का अधिकार है जिसका रचयिता वह स्वयं हो।
28.
एक कलात्मक कृति बनाने में विषय की सजावट भी एक महत्वपूर्ण तत्व है, और प्रकाश और छाया की परस्पर क्रिया कलाकार के पिटारे में एक मूल्यवान तरीका है.
29.
एक कलात्मक कृति बनाने में विषय की सजावट भी एक महत्वपूर्ण तत्व है, और प्रकाश और छाया की परस्पर क्रिया कलाकार के पिटारे में एक मूल्यवान तरीका है.
30.
2. प्रत्येक व्यक्ति को किसी भी ऐसी वैज्ञानिक साहित्यिक या कलात्मक कृति से उत्पन्न नैतिक और आर्थिक हितों की रक्षा का अधिकार है जिसका रचयिता वह स्वयं है ।