| 21. | स्वरूप का भान नहीं होने देने वाली कषाय है।
|
| 22. | मान याने घमण्ड करना मान कषाय है।
|
| 23. | राम के जीवन के चार ताप और चार कषाय
|
| 24. | कुछ भी हो पर हम कषाय नहीं होने देंगे।
|
| 25. | सिन्दुक: स्मृति दस्तिक कषाय: कटुकोलघु।
|
| 26. | कषाय मंद करने का पर्व है क्षमा-याचनाः आचार्यश्री म...
|
| 27. | हरीतकी में मधुर अम्ल कटु कषाय तिक्त रस है।
|
| 28. | हरण कर कषाय का, जीतो सबके मन।
|
| 29. | किंतु कषाय रस की अधिकता रहती है।
|
| 30. | क्योंकि ये कषाय, वे सबसे बड़ी हिंसा हैं।
|