कुछ लोग टाइपराइटर के लिये काताकाना का प्रयोग करते हैं परंतु यह अब तक लोकप्रिय नहीं हो सका है।
22.
चीनी लिपि-चिह्नों को सरल करके जापान की अपनी दो प्रकार की लिपियाँ “ हिराकाना ” और “ काताकाना ” बन गईं।
23.
हिरागाना और काताकाना दोनों शब्दांश ध्वन्यात्मक वर्णमाला, जहां कांजी एक वर्ण का उपयोग करता है के लिए एक संपूर्ण जापानी शब्द को दर्शाती है.
24.
बीच-बीच में जापानी की काताकाना लिपि में सामान्य आवश्यकता के भारतीय शब्दों के अर्थ दिए हैं, यथा-चलोजी, अच्छा, सस्ता कीजिए, कितना दाम आदि।
25.
जहाँ हिरागाना का हर अक्षर, किसी कांजि का सरल रूप है, वहीं काताकाना का हर अक्षर, किसी कांजि के एक हिस्से से बना है ।
26.
जापानी भाषियों की सुविधा के लिए न सिर्फ हिंदी के देवनागरी पाठों के साथ जापानी अनुवाद दिया गया है बल्की हिंदी पाठॊं के जापानी लिप्यंतरण भी जापानी काताकाना लिपि में प्रस्तुत किए गए हैं।
27.
जापानी भाषा में जापानी सोच और परंपरा से जुड़े मूल शब्दों को हीरागाना लिपि में लिखते हैं, विदेशी मूल के शब्दों को काताकाना लिपि में, और चीन से प्रभावित संकल्पनाओं को चीनी रूपाक्षरों अर्थात् कांजी (लिपि) में लिखते हैं ।
28.
जापानी भाषा में जापानी सोच और परंपरा से जुड़े मूल शब्दों को हीरागाना लिपि में लिखते हैं, विदेशी मूल के शब्दों को काताकाना लिपि में, और चीन से प्रभावित संकल्पनाओं को चीनी रूपाक्षरों अर्थात् कांजी (लिपि) में लिखते हैं ।
29.
मेजि काल के आरंभ में अधिक प्रयोग में आई चीनी लिपियों को कम करना, चीनी लिपि को लघु रूप में लिखना, हिराकाना और काताकाना के प्रयोग में एकरूपता से आना, रोमन लिपि प्रयोग का अध्ययन करना आदि आदि उपायों से भाषा को यथासंभव सरल बनाने के लिये प्रयत्न किया जा रहा है।
30.
मेजि काल के आरंभ में अधिक प्रयोग में आई चीनी लिपियों को कम करना, चीनी लिपि को लघु रूप में लिखना, हिराकाना और काताकाना के प्रयोग में एकरूपता से आना, रोमन लिपि प्रयोग का अध्ययन करना आदि आदि उपायों से भाषा को यथासंभव सरल बनाने के लिये प्रयत्न किया जा रहा है।