अब तक तलाश है कि कोई उसे बना कर अपना नाम करे, मतलब यह कि “दीवार कहकहा” भी ऐसी ही कारीगरी से बनी है जिसकी कीमियाई बनावट मेरी समझ में यों आती है कि सतह जहाँ जमीन से आसमान तक कई हिस्सों में अलग की गई है, लम्बाई का भाग कई हवाओं से मिला है जैसे आक्सीजन, नाईट्रोजन, हाइड्रोजन, कार्बोलिक एसिड ग्यास, क्लोराइड इत्यादि।
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३. कपूर १ ० ग्राम + सौंफ का तेल १ ग्राम + दालचीनी का तेल १ ० ग्राम + अजवायन सत्व यानि थायमोल ५ ग्राम + नीलगिरी का तेल १ ग्राम + कार्बोलिक एसिड ५ बूंद ; इन सबको मिला कर एकदम कसे ढक्कन की शीशी में रख कर थोड़ी देर धूप में रख दें और फिर दिन में तीन-चार बार सिर पर लगाएं।
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अब तक तलाश है कि कोई उसे बना कर अपना नाम करे, मतलब यह कि “ दीवार कहकहा ” भी ऐसी ही कारीगरी से बनी है जिसकी कीमियाई बनावट मेरी समझ में यों आती है कि सतह जहाँ जमीन से आसमान तक कई हिस्सों में अलग की गई है, लम्बाई का भाग कई हवाओं से मिला है जैसे आक्सीजन, नाईट्रोजन, हाइड्रोजन, कार्बोलिक एसिड ग्यास, क्लोराइड इत्यादि।