पुन: जांच में यह देखा गया कि कक्ष क्रमांक P-1260 कार्य आयोजना की चयन सह सुधार वृत्त में आता है एवं कक्ष का सनिधि निम्नानुसार है---
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मंगलवार को जारी एक आदेश के अनुसार कार्य आयोजना भोपाल में पदस्थ वन क्षेत्रपाल एमके चौधरी को प्रधान मुख्य वन संरक्षक कार्यालय भोपाल में ही सहायक वन संरक्षक पदस्थ किया गया है।
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मण्डल वन अधिकारी के. पी. गुप्ता, कार्य आयोजना अधिकारी वेकटेश शर्मा, भारतीय वन सेवा के अधिकारी ख्याति माथुर, न्यू लुक की प्रधानाचाय्र लता कोठारी सहित कई विशिष्ठजन भी पक्षियों की अटखेलियों को देखने आए।
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साथ ही कार्य आयोजना के बनने के समय तैयार कक्ष इतिहासों को तब से अद्यतन नहीं किया गया है और न ही पातित कूपों के कक्ष इतिहासों में कोई विश्लेष्णात्मक प्रतिवेदन प्राप्त हुआ ।
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परन्तु कार्य आयोजना के प्रावधान के अनुसार चयनित क्षेत्र दिशा निर्देश के विपरीत है एवं दोनों कक्षों में अतिक्रमण में अतिक्रमित क्षेत्र कुल 309 हे. में से मात्र 11 हे. है ।
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याचिकाकर्ता की सेवानिवृत्ति में एक वर्ष से कम अवधि बचे होने के बावजूद दिनांक 07. 01.2012 को नए स्थानांतरण आदेश जारी करते हुए पुनः कार्य आयोजना जांजगीर चांपा भेज दिया गया जिसका कार्य पूर्ण हो चुका है।
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इन कर्यवृत्तों में एक वृत्त है सुधार पातन वृत्त (IWC) जिसमे वृछों का पातन कार्य आयोजना द्वारा इस प्रकार निर्धारित किया जाता है की वहां की सस्य गुणवक्ता व घनत्व में वृद्धि हो ।
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किसी भी प्रकार की भिन्नता की स्थिति में कार्य योजना में इंगित कार्यों से इतर कार्य (कमअपंजपवद) संबंधित कार्य आयोजना वृत्त / भारत सरकार से पूर्व स्वीकृति के उपरांत ही कराये जा सकते हैं।
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कार्य आयोजना के इस प्रबंध वृत्त के वनाच्छादित छेत्र में वनों का घनत्व 0. 5 से लेकर 0.8 तक का है तिवरल छेत्र इस प्रबंध वृत्त का कुल क्षेत्रफल का मात्र 5.66 प्रतिशत है ।
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श्री अनिल ओबेराय, सदस्य, पर्यावरण नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण को प्रधान मुख्य वन संरक्षक, कार्य आयोजना, वन भू-अभिलेख, भोपाल पदस्थ करते हुए सूचना प्रौद्योगिकी शाखा का दायित्व भी सौपा गया है।