रिपोर्ट के मुताबिक दालों, तिलहन, डेरी उत्पाद, मांस और चीनी की कीमतों का मासिक कीमत सूचकांक फरवरी में औसतन 236 अंक पर था, जो जनवरी माह की तुलना में 2.2 फीसदी अधिक है।
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प्लैट्स के मेटालार्जिकल कोल कीमत सूचकांक में मूल्यांकन के तरीकों का विकास उद्योग से जुड़ी प्रमुख कंपनियों के सुझावों और ऊर्जा बाजार में बेंचमार्क कीमतों के क्षेत्र में प्लैट्स के लंबे अनुभव के आधार पर किया गया है।
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उपभोक्ता कीमत सूचकांक (सीपीआई) द्वारा मापी जाने वाली उपभोक्ता महंगाई अक्टूबर माह में बढ़कर 10.09 फीसदी तक पहुंच गई, जबकि सितंबर माह में आई आईपी 2 फीसदी बढ़ा है, जो कि अर्थशास्त्रियों के 3.5 फीसदी के अनुमान से काफी कम है।
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जब उपभोग की वस्तुओं की कीमतों में दो अंकों की मुद्रास्फीति चल रही है, तो यह आवश्यक है कि किसी उपयुक्त कीमत सूचकांक की गतिविधियों के आधार पर पेंशन में साल में एक बार या और जल्दी तब्दीली लायी जाये।
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उपभोक्ता कीमत सूचकांक को कसौटी बना कर विचार करें तो अनिवार्य खाद्य पदार्थों की कीमतों में 10-12 प्रतिशत की वृद्धि हुई जिसके परिणामस्वरूप वेतन प्राप्त करने वाले मध्यवर्ग की वास्तविक आय कम हुई और कामगारों की वास्तविक मजदूरी में भी कमी हुई है।
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उपभोक्ता कीमत सूचकांक को कसौटी बना कर विचार करें तो अनिवार्य खाद्य पदार्थों की कीमतों में 10-12 प्रतिशत की वृद्धि हुई जिसके परिणामस्वरूप वेतन प्राप्त करने वाले मध्यवर्ग की वास्तविक आय कम हुई और कामगारों की वास्तविक मजदूरी में भी कमी हुई है।
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ट्रेड यूनियनों ने यह मांग की है कि देश में हर जगह मजदूरों के लिये न्यूनतम वेतन प्रतिमाह 10, 000 रुपये निर्धारित किया जाये और उपभोक्ता कीमत सूचकांक के साथ उसे जोड़ा जाये, ताकि मेहनतकश परिवारों को इंसान लायक जिंदगी जीने के लिये पर्याप्त वेतन मिले।
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५ प्रतिशत की वृद्धि हुई तो लगभग उतनी ही रही जितनी किपिछले वर्ष थोक कीमत सूचकांक की अपेक्षा उपभोक्ता कीमत सूचकांक में अधिकवृद्धि का कारण अनाज व खाने की अन्य चीजों की कीमतों में अधिक वृद्धि काहोना है जिसका प्रभाव उपभोक्ता कीमत सूचकांक पर अधिक पड़ता है.
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५ प्रतिशत की वृद्धि हुई तो लगभग उतनी ही रही जितनी किपिछले वर्ष थोक कीमत सूचकांक की अपेक्षा उपभोक्ता कीमत सूचकांक में अधिकवृद्धि का कारण अनाज व खाने की अन्य चीजों की कीमतों में अधिक वृद्धि काहोना है जिसका प्रभाव उपभोक्ता कीमत सूचकांक पर अधिक पड़ता है.
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५ प्रतिशत की वृद्धि हुई तो लगभग उतनी ही रही जितनी किपिछले वर्ष थोक कीमत सूचकांक की अपेक्षा उपभोक्ता कीमत सूचकांक में अधिकवृद्धि का कारण अनाज व खाने की अन्य चीजों की कीमतों में अधिक वृद्धि काहोना है जिसका प्रभाव उपभोक्ता कीमत सूचकांक पर अधिक पड़ता है.