अखबार में यह भी लिखा है कि राहुल महाजन के परिवार वालों ने कभी भी श्वेता के विषय में कुछ नहीं जानना चाहा और न ही पहली करवां चौथ पर सुसराल में होने वाले रीति रिवाजों को पूरा किया।
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वह कहते हैं “ हमें कुछ नहीं सुनना, कुछ नहीं जानना, बस एक बात है कि यह मेरी जगह है और मैं तुम्हें यहाँ घुसने नहीं दूँगी चाहे मेरी जान ही क्यों न चली जाये ”.
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याद करें, तो स्विट्जरलैंड ने अपने कानूनों का झुनझुना अमेरिका के सामने भी बजाया था, पर जब ओबामा ने हुंकार भरी कि हमें स्विस-कानूनों के बारे में कुछ नहीं जानना है, बल्कि यह जानना है कि वहां के बैंकों में अमेरिका के कितने कर-चोरों या भ्रष्टाचारियों का धन जमा है, तो स्विस हुकूमत भीगी बिल्ली बन गई थी।