पत्रकारिता और प्रबंधन का भी कुशलता और उत्पादन से कोई खास रिश्ता नहीं है अर्थात हम अपने शैक्षणिक संस्थानों से कुशल मजदूर और बेरोजगार और विकल्पहीन युवाओं को अकुशल मजदूरों के तौर पर तैयार कर रहे हैं!
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दरअसल अन्य क्षेत्र में जहाँ ऑटोमेशन तेजी से हुआ वहीं जहाज निर्माण उद्योग मानव श्रम प्रधान उद्योग हैं और अपने देश में सस्ते और कुशल मजदूर उपलब्ध होने से भारत बड़ी संभावना वाले देश के रूप में उभरा।
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दूसरे सिरे को कुशल मजदूर के द्वारा प्रत्येक खम्भे के सिरे पर लगी प्लेट में बने निर्धारित छेद में पिरोते हुये निर्माण लाइन के अंतिम सिरे तक पहुंचाया जाता है, जहां एक टेंशनिंग गेंट्री लगी होती है.
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दूसरे सिरे को कुशल मजदूर के द्वारा प्रत्येक खम्भे के सिरे पर लगी प्लेट में बने निर्धारित छेद में पिरोते हुये निर्माण लाइन के अंतिम सिरे तक पहुंचाया जाता है, जहां एक टेंशनिंग गेंट्री लगी होती है.
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मजदूरों की भारी कमी यहां के कपड़ा व्यवसायी शक्ति नाथ मिश्रा का कहना था कि दीपावली के समय फसल कटाई शुरू हो जाने के कारण प्रतिष्ठानों में साफ-सफाई और अन्य काम के लिए कुशल मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं।
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विकसित कहे जाने वाले देशों में जब कुशल मजदूर, डॉक्टर, इन्जीनियर आदि की छँटनी हो रही थी, जब उनके वीजा के नियमों को सख्त किए जा रहे थे तो भी हम उदारीकरण के फायदे गिनाने में लगे रहे हैं।
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उन्होंने बताया कि एक जनवरी 2011 के बाद मनरेगा के तहत अब अकुशल मजदूर को 179 रुपये, अद्र्धकुशल मजदूर को 183 रूपये, कुशल मजदूर को 188 तथा अत्याधिक कुशल मजदूर को 198 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी दी जाती है जो कि देश में सर्वाधिक है।
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उन्होंने बताया कि एक जनवरी 2011 के बाद मनरेगा के तहत अब अकुशल मजदूर को 179 रुपये, अद्र्धकुशल मजदूर को 183 रूपये, कुशल मजदूर को 188 तथा अत्याधिक कुशल मजदूर को 198 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी दी जाती है जो कि देश में सर्वाधिक है।
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क्षेत्रीय श्रमआयुक्त (रिजनल लेबर कमीशनर) के अनुसार कॉमनवेल्थ खेलगांव के निर्माण स्थल पर महज ४ १ ० ६ मजदूर काम कर रहे हैं जिसमें २२ ९ का दर्जा कुशल मजदूर का है और ८ ३३ अर्ध-कुशल मजदूर हैं जबकि अकुशल मजदूरों के दर्जे में ३ ०० ४ मजदूर हैं।
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इस योजना के तहत सरकार ने एक परिवार को एक वर्ष में 100 दिन का रोजगार देने के लिए अधिनियम बनाया है और इसके बदले उन्हें न्यूनतम वेतन एक जनवरी 2011 के बाद अब अकुशल मजदूर को 179 रुपये, अद्र्धकुशल मजदूर को 183 रूपये, कुशल मजदूर को 188 तथा अत्याधिक कुशल मजदूर को 198 रूपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरी दी जाती है जो कि देश में सर्वाधिक है।