बेल के मनखे मन बेंदरा सरिख हो गय हें एक ठन सिहासिनी बेंदरिया अपन हाथ मं परजातन्त्र के लौड़ी ले नाच नचावत हे “नाच रे बेंदरा! टुम्मक-ठम,भई ठुम्मक-ठुम।” गणतंत्र ह अऊ ओकिया देइस एक बेसरम अंधियार मोर देश के कूबर उप्पर एक ठन अऊ पहाड़.
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चार घंटे की यात्रा के बाद हमें तांबई रंग की फीकी रोशनी में दूधिया पत्थर (ओपल) की खुदाई से लगे धूल के ढूह दिखाई देते हैं और यह संकेत है कि हम संसार की दूधिया पत्थरों के खनन की राजधानी कूबर पेडी पहुंच गए हैं।
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२ १ (उदित हुए तथा उदित होते हुए आदित्य को सात जलांजलि देने से मन के दुःख विनाश का कथन), शिव २. ५. ८. १ ० (त्रिपुर वध हेतु निर्मित शिव के रथ में उदय पर्वत की कूबर रूप में स्थिति), ५.