| 21. | तद्धित प्रकरण में 1, 190 सूत्र हैं और कृदंत प्रकरण में 631 ।
|
| 22. | कृत प्रत्यय के योग से बने शब्दों को (कृत+अंत) कृदंत कहते हैं।
|
| 23. | कृत प्रत्यय के योग से बने शब्दों को (कृत+अंत) कृदंत कहते हैं।
|
| 24. | शब्दार्थ की दृष्टि से कर्तृवाचक कृदंत का अर्थ है-कर्त्ता का सूचक कृदंत।
|
| 25. | इंशा के समय तक वर्तमान कृदंत या विशेषण और विशेष्य के बीच का समानाधिकरण
|
| 26. | पकवान या नहीं ही नुस्खा है, लेकिन खाना पकाने की तकनीक का मौखिक कृदंत है.
|
| 27. | कृत प्रत्यय के योग से बने शब्दों को (कृत + अंत) कृदंत कहते हैं।
|
| 28. | कर्त्ता वह है जिसे वाक्य के क्रियापद की मुख्य क्रिया से बना कर्तृवाचक कृदंत सूचित करता हो।
|
| 29. | ऐसी भी संयोज्य क्रियाएँ हैं जिनके साथ प्रयुक्त होने वाली मुख्य क्रिया तिर्यक कृदंत रूप में रहती है।
|
| 30. | इन दो कालों के अलावा आज्ञासूचक रूप, कर्तृवाचक कृदंत, कर्मवाचक कृदंत और क्रियार्थक संज्ञा भी है।
|