आज-कल हमे सबसे बडा जो भय है वौ है दंभी बिन संप्रादियक कहेनेवाले समाज सेवको से. अभी हाल मे ही “ नर्मदा विस्थापितो ” और वडोदरा दंगो के बारे मे जिस तरह ये बोलीवुड के गटर छाप आमीरखान, महेश भट और शबाना आजमी जैसे लोग मगर के आँसु बहा रहे थे ये देखकर और सुनकर हंसी आ रही थी, ये तो ऎसी बात हुई के उलटा चोर कोटवाल को दांटे.