इसके प्रमुख उद्देश्य हैं-शिक्षा संस्थानों को अधिक प्रभावशाली ढंग से लाभ पहुंचाना, उन विद्यार्थियों की शैक्षिक आवश्यकताओं के प्रति उत्तरदायी होना जिनके माता-पिता केन्द्रीय सरकार के कर्मचारी हैं और निरंतर स्थानान्तरणीय पदों पर कार्यरत हों।
22.
लोकतंत्र के प्रथम स्तम्भ की चर्चा करें तो विधायिका, जिसे सीधे जनता के प्रति उत्तरदायी होना चाहिए था वह किसी और के प्रति उत्तरदायी है और उसे जनता और जनता के पैसों की चिंता बिलकुल नहीं.
23.
' अपनी उम्र के दूसरे दौर से ललित निबंध विधा में अपने को अभिव्यक्त करने की साधना में प्रवेश करने वाले डॉ. झा चौथे दौर में जाकर जब अपने निबंध ‘होने का अर्थ' में कहते होते हैं कि-‘अपनी चेतना के प्रति उत्तरदायी होना ही नैतिक होना है, मनुष्य होना है, सृजनात्मकता को संभावनाओं की हद तक ले जाना है'
24.
इसलिए हो सकता है मजबूरी में सरकार ने समूह का सिर कुचलने के लिए वह सब किया जो उसे नहीं करना चाहिए था लेकिन अब हमारे राजनीतिक नेतृत्व और प्रशासन को समझना होगा कि देश में सच्चे लोकतंत्र की शुरूआत हो रही है जहां उसे व्यक्ति विशेष के प्रति नहीं हर एक नागरिक के प्रति, समूह के प्रति उत्तरदायी होना होगा।