इस तरह दिन में 3-3 खुराक देना चाहिए, इसी के साथ सप्ताह में दो बार सीपिया 200 शक्ति में और कैल्केरिया कार्ब 200 शक्ति में दिन में एक बार देना चाहिए।
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इसके अतिरिक्त हर 15 दिन के अंन्तर पर सल्फर औषधि की 200 शक्ति की मात्रा तथा कैल्केरिया फ्लोर औषधि की 30 शक्ति की मात्रा 5-5 घंटे के बाद देने से लाभ मिलता है।
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पित्त पथरी में होम्योपैथिक दवा बहुत असर करती है, जैसे कैल्केरिया कार्ब, 30, 200, बर्बेरस वल्गेरिस, मदर टिंचर, कोलेस्टरीन 30, 200, कोलोसिंध 30, नक्सवोमिका 30 ।
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रेनल कॉलिक की दवाएँ-बार्बेरिस बेलगेरिस क्यू, कैल्केरिया कार्ब, कार्बो वेज, कंक्यूलस इंडिका, लाईकोपोडियम, (ओसिमम), मेन्था पिपरेटा, थ्लैस्पी क्यू, एसिड बेज 6 या 3 डी, कैन्थरिस 6.30 बच्चों की मूत्र-पथरी में कैन्थरिस एवं सेसापैरिला।
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रेनल कॉलिक की दवाएँ-बार्बेरिस बेलगेरिस क्यू, कैल्केरिया कार्ब, कार्बो वेज, कंक्यूलस इंडिका, लाईकोपोडियम, (ओसिमम), मेन्था पिपरेटा, थ् लैस्पी क्यू, एसिड बेज 6 या 3 डी, कैन्थरिस 6.30 बच्चों की मूत्र-पथरी में कैन्थरिस एवं सेसापैरिला।
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पारा का उपयोग करने से वात रोग उत्पन्न होने पर उपचार करने के लिए हिपर-सल्फर, फास्फोरिक-एसिड, सार्सा, पल्स, सल्फर, गुयेकम, डल्कामारा, चायना, कार्बो-वेज, लाइको, कैल्केरिया, कैमोमिला, अर्निका या बेलेडोना औषधि का उपयोग करना फायदेमंद होता है।
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रोगी के सिर में जल भरने के कारण से सूजन हो गया हो तथा वह मोटा, थुलथुला हो और जिसका तालु-रंध्र खुला हो, सिर भारी महसूस हो रहा हो, त्वचा जिस्म में लटकती हो, सिर पर पसीना आता हो तो इस प्रकार के लक्षणों से पीड़ित रोगी के रोग को ठीक करने लिए कैल्केरिया कार्ब औषधि की 30 शक्ति का उपयोग कर सकते हैं।
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यदि इस प्रकार के लक्षण से पीड़ित स्त्री है और उसके दो मासिकधर्मो के बीच के समय में इस प्रकार का दर्द हो रहा हो और अधिकतर तब जब मासिकधर्म के बीच के समय में अधिक खून का स्राव हो रहा हो तब तो उसकी चिकित्सा करने के लिए कैल्केरिया कार्ब औषधि की 30 शक्ति हर दूसरे, तीसरे या चौथे दिन कुछ दिनों तक एक-एक मात्रा का प्रयोग करना उचित होता है।
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हैजा रोग से पीड़ित बच्चे को ऊपर बताएं विभिन्न लक्षणों के साथ उत्पन्न रोग में बताए गए औषधि के अतिरिक्त रोग में अधिक लाभ के लिए बीच-बीच में इस औषधि का भी प्रयोग किया जाता है जैसे-ऐकोनाइट-3, क्रोटन-3, कैमोमिला-6, आर्सेनिक-3, कैल्केरिया ऐसेटिका-3 का चूर्ण, कार्बो-वेज-30, इपिकाक-6, फास्फो-6, चायना-3, विरेट्रम-6, क्यूप्रम-6, क्यूप्रम-आर्स-3 x का चूर्ण, सिकेलि-6, सल्फर-30 तथा रुबिनीका स्पिरिट-कैम्फर औषधि आदि।