पाकिस्तान से आए दर्जन भर सांसदों से मिलना अनेक भारतीयों के लिए अपूर्व अनुभव था | उनकी बातचीत में कहीं कोई कटुता नहीं थी | कश्मीर के सवाल पर वे जोर जरूर देते थे लेकिन यह किसी ने भी नहीं कहा कि कश्मीर की वजह से आपसी संबंधें की गाड़ी को ठप्प कर दिया जाए | आतंकवाद की सभी ने निन्दा की लेकिन कुछेक ने यह भी पूछा कि आम जनता की सहानुभूति न हो तो आतंकवाद जिंदा कैसे रह सकता है?