जिसमें शुक्रवार को सुबह साढे पांच बजे से सभी श्रमिक एक दूसरे को तिलक लगाकर मिश्री, काली मिर्ची व नीम की कोपले खिलााएंगे और नए साल की शुभकामनाएं देंगे।
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7 नीम के मुलायम पत्ते (कोपले) और 7 कालीमिर्च को 1 महीने तक लगातार सुबह खाली पेट खाने से चेचक जैसा भयंकर रोग 1 साल तक नहीं होगा।
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आपकी रचना से परमानन्द की अभिव्यक्ति ही नही बल्कि इसमे डुबने का एहसास हो जाता है नन्ही कोपले होती ही ऐसी है जो जीवन को परमानन्द तक पहुंचाती है..........
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15 ग्राम आक (मदार) की कोपले (मुलायम पत्तिया), 10 ग्राम देशी अजवायन को बारीक पीसकर इसमें 25 ग्राम गुड़ मिलाकर पीस लेते हैं तथा इसकी 2-2 ग्राम की गोलियां बना लेते हैं।
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गुज्जर ने बताया कि वह अपनी खोई हुई बकरी ढूंढ रहा था और शिखर पर उसने एक दम्पति मिया-बीवी को एक गाय को मनुष्य के कोपले (शिर) में दूध दोहते हुए देखा।
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पेड की नव कोपले हसती हुई सी लग रही कर रही किलोल है मखोल हुई ज़िन्दगी......... उठ रही है टीस भी तकलीफदेह आह भी सांस रूककर आ रही है हो रही है दिल्लगी......
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केवल बुद्ध निर्वाण के दिन ही इसके पत्ते झड़ते हैं और दूसरे ही दिन इसमें नई कोपले फूट पड़ती है ।” दरअसल बुद्ध पूर्णिमा मई में आती है और तब तक इसमें नई कोपलें फूट जाती है ।
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और फिर इस बरसात के बाद कुछ कोपले फूटेगी इसी धरती से, वैसे ही कभी तो तुम्हारे दिल से मेरा नाम आएगा,, की कभी तो तुम पुकारोगे मुझे, कभी तो तुम आवाज देकर मुझे बुलाओगे,
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गुनगुनाती चिरया का शोर आसमान में उगती सुबह की भोर कुछ आरक्त सी फूटती नयी कोपले हरियाले नये खिलते पत्ते हवा के साथ यूँ झूमने लगते हैं टेसू के लाल लाल फूदने जैसे फागुन के आने पर फूटने लगते हैं
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पाषाण हो चुका यह हृदय जिससे चट्टाने आपस मे टकरा कर चूर होती बह रही नदियों मे पर अब भी कोपले खिलने का अंदेशा चिडि़यों के चहचहाते स्वर सुनने की उत्कंठा और फुलों से महकती सुगंध के स्वप्न अभी बाकी ।