कंपनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हमीद का जन्म 1 जुलाई 1933 को उत्तर प्रदेश में हुआ था वह 27 दिसंबर 1954 के दिन 4 ग्रेनेडियर्स में भर्ती हुए थे ।
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कम्पनी क्वार्टर मास्टर हवलदार अब्दुल हमीद (जुलाई १, १९३३-सितम्बर १०, १९६५) भारतीय सेना की ४ ग्रेनेडियर में एक सिपाही थे जिनकी मृत्यु भारत-पाक युद्ध १९६५ में खेमकरण सैक्टर में हुयी।
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इस अवसर पर प्राचार्य महेंद्र श्योराण, एएनओ रामसिंह, सुभाष सोनी, शमशेर सहरावत, जितेन्द्र शर्मा, सूबेदार मेजर यशपाल ठाकुर, बीएचएम राजेन्द्र, क्वार्टर मास्टर देशराज व बलराज सहित बटालियन का अन्य स्टाफ भी उपस्थित था।
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युद्द शाखा के पास वैसे तो लंबा-चौड़ा नेटवर्क था पर सेना की नियम प्रक्रिया आदि के बारे में यह तंत्र बहुत कम जानकारी रखता था. सेना डाक संचालन में कई व्यावहारिक दिक्कतों को देखते हुए सेना मुख्यालय में क्वार्टर मास्टर जनरल ब्रांच के अधीन मार्च 1941 में एक डाक सेक्शन बनाया गया।
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शुक्रवार को सचिवालय में आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में निर्णय लिया गया कि सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग में जूनियर इंजीनियर (सिविल) के 20 पद, जूनियर इंजीनियर(मैकेनिकल)के 5 पद, गृह रक्षा विभाग में अनुबंध आधार पर सीधी भर्ती से हवलदार ट्रांसलेटर, क्वार्टर मास्टर हवलदार के 10 पद और लोक सेवा आयोग के माध्यम से सीधी भर्ती के तहत उप पुलिस अधीक्षक के 4 पद भरने की मंजूरी प्रदान की।
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उल्लेखनीय है कि वाहिनी मुख्यालय में जवानों के रहने के लिये आवास, कार्यालय भवन, बारूद घर, क्वार्टर गार्ड, क्वार्टर मास्टर स्टोर, सहित लगभग एक दर्जन से भी अधिक भवनों का निर्माण कार्य हो रहा है किन्तु सरकारी धन की लूट खसोट के चलते इस अतिमहत्वपूर्ण कार्य को क्षति पहुंचार्इ जा रही है चंूकि एसएसबी के अधिकारियों का इन कार्यों मे कोर्इ दखल नहीं है इसलिये वे भी इस प्रकरण पर कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं
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कोर के भीतर से कर्नल कमांडेंट के नियुक्ति की नीति 1991 में बदल दी गयी और सेना मुख्यालय ने यह फैसला लिया िक क्वार्टर मास्टर जनरल ही सेना डाक सेवा कोर का कर्नल कमांडेट होगा।इसके तहत ले. जनरल शेर अमीर सिंह 1 अक्तूबर 1991 को कोर के कर्नल कमांडेंट बने.सेना डाक सेवा कोर का निदेशक क्वार्टर मास्टर जनरल के अधीन सेना तथा वायुसेना अध्यक्ष का डाक मामलों के सलाहकार की भूमिका में भी होता है.कमांड और कोर मुख्यालयों पर उसके प्रतिनिधि अपने-अपने दायरे में इसी प्रकार की भूमिका निभाते हैं.
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कोर के भीतर से कर्नल कमांडेंट के नियुक्ति की नीति 1991 में बदल दी गयी और सेना मुख्यालय ने यह फैसला लिया िक क्वार्टर मास्टर जनरल ही सेना डाक सेवा कोर का कर्नल कमांडेट होगा।इसके तहत ले. जनरल शेर अमीर सिंह 1 अक्तूबर 1991 को कोर के कर्नल कमांडेंट बने.सेना डाक सेवा कोर का निदेशक क्वार्टर मास्टर जनरल के अधीन सेना तथा वायुसेना अध्यक्ष का डाक मामलों के सलाहकार की भूमिका में भी होता है.कमांड और कोर मुख्यालयों पर उसके प्रतिनिधि अपने-अपने दायरे में इसी प्रकार की भूमिका निभाते हैं.