इस वर्गीकरण में आयनीकरण से केवल एक अम्लीय, अथवा एक क्षारकीय, अथवा एक एक दोनों के मूलक प्रदान करनेवाले लवण को सरल लवण कहा जाता है।
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इसी प्रकार से हाइड्रॉक्साइड के सभी आयनों का प्रतिस्थापन न होने के कारण जो लवण प्राप्त होते हैं, उनमें प्रतिस्थापनीय हाइड्रॉक्साइड की विशेष उपस्थिति के कारण उन्हें क्षारकीय लवण कहा जाता है।
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इसी प्रकार से हाइड्रॉक्साइड के सभी आयनों का प्रतिस्थापन न होने के कारण जो लवण प्राप्त होते हैं, उनमें प्रतिस्थापनीय हाइड्रॉक्साइड की विशेष उपस्थिति के कारण उन्हें क्षारकीय लवण कहा जाता है।
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इसी प्रकार से हाइड्रॉक्साइड के सभी आयनों का प्रतिस्थापन न होने के कारण जो लवण प्राप्त होते हैं, उनमें प्रतिस्थापनीय हाइड्रॉक्साइड की विशेष उपस्थिति के कारण उन्हें क्षारकीय लवण कहा जाता है।
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इसका प्रयोग घावों को धोने में किया जाता है. ढर्ॅएन्स् चोन्डेन्सटिओन्-डार्जेन्स संघननतीव्र क्षारकीय उत्प्रेरक (छ्२ः५औण या णण्ः२) की उपस्थिति में ऐल्डिहाइडों अथवाकीटोनों के साथ द्-हेलोजन अम्लों के ऐस्टरों के संघनन से ग्लाइसिडिक ऐस्टरों कोबनाने की विधि.
26.
धनायनिक प्रतिरोधी-ये उच्च अणुभार वाले क्षारकों के उदासीन लवण हैं, जिन्हें क्षारकीय रंजक कहा जाता है, जैसे ब्रिलियैंट ग्रीन, क्रिस्टल वायोलेट, जेंशियन वायोलेट, एक्रिडीन रंजक आदि, एवं कुछ उच्च ऐलिफैटिक ऐमाइन सेट्रिमाइड तथा पारद के कुछ ऐलिफैटिक ऐमाइन सेट्रिमाइड तथा पारद के कुछ कार्बनिक योग (फैनिल मरक्यूरिक नाइट्रेट भी इसी वर्ग का है)।