| 21. | नीर-क्षीर विवेक, औचित्य का ही चयन।
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| 22. | धोनुवत्स जब छक जाते हैं पीकर क्षीर,
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| 23. | तो आपको क्षीर पीने का सौभाग्य कभी नहीं मिला।
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| 24. | बस यही रसोन क्षीर पाक है ।
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| 25. | नीर-क्षीर विवेक हंस का प्रधान गुण हैं ।।
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| 26. | क्षीर सागर में शयन किए रहते हैं।
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| 27. | यों लगता है मधुर वह, ज्यों मधु-मिश्रित क्षीर ॥
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| 28. | क्षीर सागर में पली है, यह शरद की चांदनी।
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| 29. | शुभ गुण सुंदर युक्ता क्षीर निधि जाता।
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| 30. | विष्णु क्षीर सागर में सो रहे थे।
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